चंदन तस्कर वीरप्पन का एनकाउंटर करने वाले IPS को गृहमंत्री अमित शाह ने दी बड़ी जिम्मेदारी
नई दिल्ली। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन का एनकाउंटर करने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार को केंद्र सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। के. विजय कुमार को अमित शाह के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के तौर पर नियुक्ति दी गई है। ये जम्मू-कश्मीर और वामपंथी कट्टरवाद प्रभावित राज्यों की सुरक्षा स्थिति पर सरकार को सुझाव देंगे। इससे पहले के. विजय कुमार, अविभाजित जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार के तौर पर काम कर चुके हैं। वो उस समय ज्यादा सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2004 में खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले स्पेशल टास्क फोर्स का नेतृत्व किया था।
गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किए गए के. विजय कुमार
के. विजय कुमार, तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनको लेकर जारी किए गए आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है। वो केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और वामपंथ कट्टरवाद प्रभावित राज्यों के बारे में गृह मंत्रालय को सुरक्षा संबंधी मामलों पर सलाह देंगे। केन्द्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तीन दिसम्बर को उनकी नियुक्ति का आदेश जारी किया गया, इसके मुताबिक वो एक साल तक इस पद पर रहेंगे।
खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले STF का किया था नेतृत्व
तमिलनाडु कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी के. विजय कुमार 1998 से लेकर 2001 तक कश्मीर में बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल पद पर थे। वो सीआरपीएफ के महानिदेशक, हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक भी रह चुके हैं। तमिलनाडु पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के प्रमुख रहने के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं। 2004 में खूंखार चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले स्पेशल टास्क फोर्स का नेतृत्व भी उन्होंने ही किया था। उस समय विजय कुमार एसटीएफ के प्रमुख थे।
IPS के. विजय कुमार कौन हैं, जानिए
साल 2010 में नक्सलियों के हमले में जब छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के 75 जवान शहीद हुए थे उसके बाद विजय कुमार को सीआरपीएफ का डीजी बनाया गया। जिससे नक्सलियों पर लगाम लग सके। साल 2012 में सीआरपीएफ के डीजी पद से रिटायर होने के बाद विजय कुमार को गृह मंत्रालय में वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया था। उस समय राजनाथ सिंह देश के गृह मंत्री थे।
इसे भी पढ़ें:- 'हाथ-पैर में क्यों नहीं मारी गई गोली', तहसीन पूनावाला ने हैदराबाद एनकाउंटर पर उठाए 5 बड़े सवाल