कमलनाथ सरकार के सर्वे से नाखुश हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिया बड़ा बयान
भोपाल: कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कमलनाथ सरकारा द्वारा राज्य के कुछ हिस्सों में बारिश और बाढ़ से फसल के नुकसान के लिए एक सर्वे कराया था। उन्होंने इस सर्वे पर आपत्ति जताई है। दरअसल सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंदसौर और नीमच जिलों में बाढ़ के प्रभाव का आकलन करने के लिए सर्वे का आदेश दिया था।
कमलनाथ के सर्वे पर सिंधिया की आपत्ति
सिंधिया ने मंगलवार को प्रभाविक जिलों का दौरा करते समय किसानों से कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्य सरकार को किसानों के साथ खड़ा होना होगा। जरूरत के हिसाब से इस समय मैं प्राथमिक सर्वेक्षण से संतुष्ट नहीं हूं। उन्होंने आगे कहा कि अब बादल थोड़े छट चुके हैं और दो-तीन दिन बाद दोबारा सर्वे होना चाहिए। पटवारी, तहसीलदार और जो भी होगा वो जाए, जैसे वह सूचना कलेक्टर राजस्व विभाग मध्य प्रदेश में भेजेगा, वैसे ही मुआवजा राशि किसान के हाथ में होना चाहिए।
बीजेपी पर हमला
उन्होंने बीजेपी के राज्य के नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार को इस चीज के लिए सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रभावित लोगों को पर्याप्त बाढ़ राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को तीन स्तरों पर मुआवजा दिया जाना चाहिए। ये पहला राज्य सरकार द्वारा, फिर फसल बीमा योजना से और तीसरा केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन कोष से होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 100 फीसदी फसले खराब होने पर ये नहीं होना चाहिए।
अध्यक्ष पद के लिए नाम सबसे आगे
47 साल के कांग्रेस नेता को मध्यप्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के तौर पर सबसे आगे देखा जा रहा है। मौजूदा समय में सीएम कमलनाथ प्रदेश प्रमुख है। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में मुख्यमंभत्री का पद संभाला था। पार्टी को 15 साल बाद सत्ता मिली थी। इस महीने की शुरुआत में सिंधिया ने कहा था कि पार्टी के भीतर मतभेदों को हल करना मुख्यमंत्री का काम है। वो राज्य के मंत्री उमंग सिंघार और दिग्विजय सिंह के मतभेद खुलकर सामने आने पर ये बयान दिया था।