ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समर्थकों के लिए किया वीडियो Tweet,कहा- मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल
भोपल। तमाम माथापच्ची के बाद आखिरकार एमपी की सत्ता 72 साल के कमलनाथ के हाथ में दे दी गई, पार्टी आलाकमान ने युवा जोश के आगे अनुभव को महत्व दिया और कमलनाथ को एमपी का नाथ बना दिया। हालांकि इस फैसले की वजह से ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में आक्रोश और गु्स्सा भी देखा गया लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने धैर्य का परिचय दिया और राहुल-सोनिया गांधी के फैसले को सम्मान देते हुए एमपी के सीएम की कुर्सी कमलनाथ को सौंप दी।
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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थकों को कहा Thank You
महाराज के राजकुमार कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अपने समर्थकों के लिए एक वीडियो भी अपलोड किया है जिसमें उन्होंने एमपी की जनता को धन्यवाद देते हुए सभी को साथ मिलकर चलने के लिए अपील की है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब वक्त है सभी आशाओं और वादों को पूरा करने का, जो आपके सहयोग के बिना भी मुमकीन नहीं, आपके के लिए हमेशा था, है और सदैव ही आपका रहेगा ज्योतिरादित्य सिंधिया।
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मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर...
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस वीडियो का शीर्षक है-"मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया"- मजरूह सुल्तानपुरी। शायद वो ये कहना चाह रहे हैं कि पद मिले ना मिले अकेले ही वो काफी कुछ कर सकते हैं क्योंकि राज्य की जनता उनके साथ है।
युवा ज्योतिरादित्य को नहीं बनाया गया सीएम
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि एमपी की कमान युवा ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाथ में ना देने की एक बहुत बड़ी वजह है, माना जा रहा है कि कांग्रेस ने यह फैसला आगे की रणनीति और बीजेपी से एक डर को भी ध्यान में रखकर लिया गया है।
बीजेपी कभी भी बाजी पलट सकती है
गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को 'अनुभव' पर भरोसा करने के लिए कहा है, क्योंकि एमपी में जीत काफी कम अंतर से मिली है और एक मंझा हुआ राजनेता ही उस स्थिति से अच्छी तरह निपट सकता है क्योंकि जीत का अंतर बहुत कम है, जिससे बीजेपी कभी भी बाजी पलट सकती है, इसी डर की वजह से पार्टी आलाकमान ने कमलनाथ को सीएम बनाने का फैसला लिया है।
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