ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रज्ञा ठाकुर के 'मारक शक्ति' वाले बयान पर बीजेपी को दी ये सलाह
भोपाल: कांग्रेस के सीनियर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की उनके 'मारक शक्ति' वाले बयान को लेकर आलोचना की। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि विपक्ष बीजेपी नेताओं को नुकसान पहुंचाने के लिए 'मारक शक्ति' का इस्तेमाल कर रहा है। सिंधिया ने बीजेपी को सलाह देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को राजनीति में लाने के लिए आत्म निरीक्षण करे।
सिंधिया ने बीजेपी को घेरा
सिंधिया ने कहा कि वो निराश हैं कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति ने ऐसी टिप्पणी की है। इंदौर में सोमवार रात को पत्रकारों से कहा कि बीजेपी को ऐसे व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए मौका देने पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। क्योंकि भारतीय राजनीति के मानकों को कायम रखना एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण काम है। उन्होंने कहा कि राजनीति में एक निश्चित स्तर का मानक होना चाहिए। यदि राजनीतिक क्षेत्र या बाहर का कोई व्यक्ति इसे डाउनग्रेड करने की कोशिश करता है, तो इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए।
मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी पर क्या बोले?
मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री इमरती देवी के उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपने के सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली में पार्टी आलाकमान इस मामले में निर्णय लेगा मध्य प्रदेश में नया अध्यक्ष किसे नियुक्त किया जाए। राज्य महिला और बाल विकास मंत्री इमरती देवी को सिंधिया का वफादार माना जाता है। सिंधिया को हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी का प्रमुख नियुक्त किए जाने पर इमरती देवी ने नाखुशी जताई थी। उन्होंने कहा था किसिंधिया को उनके गृह राज्य की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
प्रज्ञा ठाकुर ने क्या था?
भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा ने पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबुलाल गौर की श्रद्धांजलि सभा में विपक्ष द्वारा बीजेपी के नेताओं पर मारक शक्ति के प्रयोग की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि मैं जब चुनाव लड़ रही थी तब एक महाराज जी आए थे उन्होंने कहा था ये बहुत बुरा समय चल रहा है। विपक्ष एक मारक शक्ति का प्रयोग आपकी पार्टी और उसके नेताओ के लिए कर रहा है। ऐसे में आप सावधान रहें।
गोडसे को बताया था देशभक्त
भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने हाल में संपंन्न लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नाथूराम गोडसे एक देशभक्त था, एक देशभक्त है और वह देशभक्त रहेगा। लोग उसे आतंकी कहते हैं। इसके बजाय भीतर देखना चाहिए, ऐसे लोगों को चुनाव में उचित जवाब दिया जाएगा। हालांकि हालांकि विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने गुरुवार रात को ही अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। प्रज्ञा ने ट्वीट कर कहा कि मेरा बयान बिल्कुल गलत था। मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद सम्मान करती हूं।
हेमंत करकरे को राष्ट्रविरोधी बताया
महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहते हुए हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच की थी। प्रज्ञा ने कहा था कि जांच एंजेंसी ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि अगर आपके पास सबूत नहीं है तो उसे छोड़ दो। इस पर उन्होंने कहा कि मैं उसके(साध्वी प्रज्ञा) खिलाफ सबूत हासिल करने के लिए कुछ भी करूंगा। मैं उसे जाने नहीं दूंगा। उन्होंने हेंमत करकरे को लेकर कहा कि ये उसकी कुटिलता थी। वह राष्ट्रविरोधी था, धर्म विरोधी था। आप विश्वास नहीं करोगे,लेकिन मैंने कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा। इसके सवा महीने बाद ही आतंकियों ने उसे मार डाला। उन्होंने आगे कहा कि जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ। साध्वी प्रज्ञा ने यह भी बयान दिया था कि अध्योध्या में राम मंदिर निर्माण आंदोलन के दौरान बाबरी ढांचा ढहाने में वो भी शामिल थी और उन्हें इस पर गर्व है।
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