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मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण में बैठने की व्यवस्था से नाराज जज ने पूछा ये सवाल

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नई दिल्ली। मद्रास हाई कोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस के तौर पर राजभवन में जस्टिस विजय कमलेश ताहिलरमणी शपथ ली, जिसके कुछ घंटों बाद ही हाई कोर्ट के जज जस्टिस एमएस रमेश ने व्हाट्सएप ग्रुप पर राजभवन के भीतर जजों के बैठने की व्यवस्था को लेकर सवाल पूछा। जस्टिस रमेश राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के लिए जजों की बैठने की व्यवस्था से नाखुश थे। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर क्यों जजों को मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों के पीछे बैठने की व्यवस्था की गई थी।

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व्हाट्सएप ग्रुप पर जताई नाराजगी

जस्टिस रमेश ने व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज करके पूछा है कि राजभवन में चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह के लिए जिस तरह से जजों की बैठने की व्यवस्था की गई, उसमे प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा गया, यह निराशाजनक है। यह ना सिर्फ निराशाजनक था बल्कि गंभीर विषय भी है। जस्टिस रमेश ने लिखा कि क्या राजभवन संवैधानिक पदों के क्रम के बारे में अवगत नहीं था, राजभवन को संवैधानिक पदों और पुलिस अधिकारियों के बीच का प्रोटोकाल का अंतर नहीं पता था। यह एक आधिकारिक कार्यक्रम था, ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम में मनमर्जी नहीं चल सकती है, प्रोटोकाल किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं होता है बल्कि यह पद के लिए होता है।

अन्य जजों ने भी जताई नाराजगी

जानकारी के अनुसार जबसे जस्टिस रमेश ने इस मैसेज को ग्रुप में किया है, उसके बाद से कई जजों ने इस मसले पर खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। इस व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल मुख्य रूप से कोर्ट के जज आपस में बातचीत के लिए करते हैं। यही नहीं जस्टिस रमेश ने इस बात की भी शिकायत की है कि मद्रास हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सीटिंग व्यवस्था को लेकर राजभवन को जानकारी दी थी, लेकिन राजभवन ने इसे खारिज कर दिया। जस्टिस रमेश ने कहा कि अगर यह सही है तो यह ना सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि जानबूझकर किया गया, हमे इस मामले पर सफाई मिलनी चाहिए।

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रजिस्ट्रार को नहीं मिली अनुमति

आपको बता दें कि आमतौर पर हाई कोर्ट का रजिस्ट्रार जोकि अंडर सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी होता है वह इस बात की सरकारी विभाग के अधिकारियों को जानकारी देता है कि आधिकारिक कार्यक्रमों में बैठने का क्रम क्या होगा। सूत्रों की मानें तो रजिस्ट्रार आर कनप्पन ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें कार्यक्रम से पहले यहां की बैठने की व्यवस्था को देखने की अनुमति नहीं दी गई थी। वरिष्ठ जज इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि कई पुलिस अधिकारियों और राज्यपाल के सचिव आर राजगोपाल को भी उनसे आगे मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन के साथ बैठाया गया था।

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English summary
Justice M Ramesh angry on the sitting arrangements during CJ swearing in.
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