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अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ठीक दो महीने बाद इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी से कर दी बड़ी मांग

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नई दिल्ली- ठीक दो महीने पहले 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। अब जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट की घोषणा होने वाली है, बाबरी मस्जिद के प्रमुख पक्षकार इकबाल अंसारी ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की है कि वे खुद आकर अयोध्या में भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखें। खबरों के मुताबिक अंसारी के अलावा अयोध्या के कुछ संतों ने भी पीएम मोदी से यही मांग की है कि रामनवमी के अवसर पर वे खुद अयोध्या आएं और अपने हाथों से भव्य राममंदिर की आधारशिला रखें।

पीएम मोदी रखें राम मंदिर की आधारशिला- इकबाल अंसारी

पीएम मोदी रखें राम मंदिर की आधारशिला- इकबाल अंसारी

अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के प्रमुख चेहरे रहे इकबाल अंसारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुजारिश की है कि भव्य राम मंदिर की आधारशिला खुद उन्हें रखनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री अयोध्या आएं और अपने हाथों से रामलला के भव्य मंदिर की नींव रखें। गौरतलब है कि इकबाल अंसारी और उनके पिता हाशिम अंसारी बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर उनकी राम मंदिर के पक्षकारों के साथ कभी खास अनबन नहीं देखी गई है; और उन्होंने बड़े ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में कानूनी लड़ाई लड़ी है। खुद अंसारी ने कहा भी है कि उनके पिता और राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष महंत रामचंद्रदास परमहंस में बहुत ज्यादा दोस्ती थी और वे दोनों मंदिर-मस्जिद का मुकदमा लड़ने भी साथ जाया करते थे। उन दोनों की मित्रता की मिसाल आज भी अयोध्या में दी जाती है।

संतों ने भी की पीएम से राम मंदिर की नींव रखने की मांग

संतों ने भी की पीएम से राम मंदिर की नींव रखने की मांग

राम मंदिर की आधारशिला पीएम मोदी से रखने की मांग करने वालों में इकबाल अंसारी अकेले नहीं हैं। दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेशदास ने भी उनसे यही मांग की है। संतों की मांग है कि प्रधानमंत्री रामनवमी के मौके पर राम मंदिर आंदोलन के अगुवा रामचंद्रदास परमहंस के हाथों पूजी गई शिला से ही राम मंदिर का शिलान्यास करें। जानकारी के मुताबिक इसके लिए अयोध्या के संतों ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा गया है। पीएम से ये भी मांग की गई है कि पहली शिला वही लगाई जाए, जिसे न्यास के पूर्व अध्यक्ष महंत रामचंद्रदास परमहंस ने पूजा करके साल 2002 में केंद्र सरकार को सौंपी थी। उधर श्रीरामजन्मभूम न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यरामगोपाल दास ने कहा है कि 20 जनवरी को प्रयागराज में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी जिसमें जल्द से जल्द राम मंदिर के निर्माण को लेकर विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा की जाएगी।

मकर संक्रांति के बाद होगी राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा

मकर संक्रांति के बाद होगी राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा

बता दें कि इस बात की पुख्ता जानकारी है कि मकर संक्रांति के बाद केंद्र सरकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कभी भी ट्रस्ट की घोषणा कर सकती है। इस ट्रस्ट में धार्मिक नेताओं समेत केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों को जगह मिलने की उम्मीद है। गौरतलब है कि कि 9 नवंबर, 2019 के ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में राम जन्मभूमि की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन का मालिकाना हक रामलला को देकर वहां भव्य राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ कर दिया है। इस फैसले से अयोध्या में राम जन्मभूमि को लेकर सदियों से चले आ रहे विवाद खत्म हो चुका है। अपने फैसले में अदालत ने केंद्र सरकार को ही मंदिर निर्माण और उसके संचालन के लिए एक ट्रस्ट बनाने का भी आदेश दिया था। इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाना सुनिश्चित किया जाना है।

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English summary
Just two months after the Supreme Court's decision on Ayodhya, Iqbal Ansari made a big demand to PM Modi
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