जजों की नियुक्ति वाला बिल राज्यसभा में पास
नई
दिल्ली।
देश
में
स्वतंत्रता
दिवस
से
पहले
न्याय
व्यवस्था
सुधार
की
उम्मीद
को
पंख
लगे
हैं।
जजों
की
नियुक्ति
के
वर्तमान
कोलेजियम
सिस्टम
को
बदलने
से
संबंधित
ज्युडिशियल
अप्वाइंटमेंट
बिल
राज्यसभा
में
भी
पास
हो
गया।
इससे
पहले
बुधवार
को
यह
लोकसभा
में
हंगामे
व
शोर-शराबे
के
बीच
पास
हो
पाया
था।
नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि कॉलेजियम सिस्टम के स्थान पर जजों की नियुक्ति के लिए नेशनल ज्यूडिशियल एपॉइन्टमेंट्स कमीशन बनाया जाए। इसके लिए संविधान संशोधन बिल भी लाया गया है। बिल पास होने के बाद जजों की नियुक्ति न्यायिक आयोग की जिम्मेदारी बन जाएगी।
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दरअसल बदलाव के बाद इस 6 सदस्यीय न्यायिक आयोग में मुख्य न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट के दो जज, कानून मंत्री और दो ऐसी शख्सियत होगी, जिन्हें प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश चुनेंगे।
आयोग के 6 में से अगर किसी दो लोगों को किसी नाम पर आपत्ति हुई तो उस जज की नियुक्ति रोक दी जाएगी। इस उम्मीद के साथ बीते दिनों से न्यायिक व्यवस्था पर उठ रहे सवालों पर भी भविष्य में विराम लग पाएगा।