आतंकी फंडिंग के मामले में हाफिज सईद ने खुद को निर्दोष बताया
नई दिल्ली। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने मंगलवार को पाकिस्तान के आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) में आखिरकार अपना बयान दर्ज कराया। अपने बयान में सईद ने कहा कि जमात-उद-दावा प्रमुख के रूप में उसके खिलाफ टेरर फंडिंग के दो मामले हैं इनमें वह दोषी नहीं है। आतंक रोधी विभाग ने हाफिज और उसके साथियों के खिलाफ पंजाब के विभिन्न शहरों में 23 एफआईआर दर्ज की थी। उसे पिछले साल 17 जुलाई को अरेस्ट किया गया था।
सईद के नेतृत्व वाला जमात उद दावा को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से ही जुड़ा अग्रणी संगठन माना जाता है। लश्कर ए तैयबा 2008 के मुंबई हमले को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है, जिसमें छह अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे। 10 जनवरी (शुक्रवार) को हुई पिछली सुनवाई में उसके खिलाफ टेरर फंडिंग के आरोपों के संबंध में एक प्रश्नावली सौंपी गई थी। हाफिज को लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है।
अदालत के एक अधिकारी ने बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद कहा कि आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) लाहौर द्वारा आतंकवाद संबंधी वित्तीय मदद के आरोपों को लेकर सौंपी गई प्रश्नवाली का सईद ने मंगलवार को जवाब दिया और अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया। उसने अपना अपराध स्वीकार नहीं किया। अधिकारी ने कहा कि आतंकवाद निरोधी अदालत ने बुधवार तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी है, उस दिन मामले में अंतिम बहस होगी।
बता दें कि पंजाब पुलिस के आतंक रोधी विभाग के आवेदन के बाद लाहौर और गुजरांवाला में हाफिज के खिलाफ केस जर्द किया गया था। हाफिज को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई कैमरे की निगरानी में हो रही थी और कोर्ट परिसर में पत्रकारों को घुसने की इजाजत नहीं दी गई।
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