CAA के भारी विरोध के बीच सिख शरणार्थियों से मिले नड्डा और बोले- NRC भी लागू होगा
नई दिल्ली- नागरिकता संशोधन कानून पर मचले बवाल के बीच बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एनआरसी लागू किए जाने की भी बात कही है। नड्डा ने अफगानिस्तान से आए सिख शरणार्थियों से मुलाकात के बाद ये बात कही है। उन्होंने सीएए को लेकर हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर विपक्ष पर भी हमला किया है और कहा है कि वे सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए नए कानून का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को पड़ोसी मुल्कों से धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होकर भारत आए शरणार्थियों का हाल देखना चाहिए, तब पता चलेगा कि यह कानून क्यों लाना पड़ा है।
सिख शरणार्थियों से मिले जेपी नड्डा
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को नए नागरिकता कानून का विरोध करने के लिए विपक्ष की आलोचना की है। नड्डा ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान से आए सिख शरणार्थियों से मुलाकात के बाद ये बात कही है। नए कानून के तहत इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी के विरोधी वोट बैंक की राजनीति के चलते इस कानून का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि नए कानून का विरोध करने वाले तीन पड़ोसी मुल्कों आकर भारत में रह रहे अल्पसंख्यकों के दर्द को नजरअंदाज कर रहे हैं। नड्डा बोले- "जो लोग नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं, उन्हें उन लोगों से मिलना चाहिए। ये लोग भारत में में 28 से 30 वर्षों से रह रहे हैं, लेकिन वे अपने बच्चों का स्कूलों में दाखिला नहीं करा सकते या कोई घर नहीं खरीद सकते, क्योंकि उनके पास नागरिकता नहीं है। हमारे विरोधियों को वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता।"
एनआरसी भी लागू होगा- नड्डा
इस दौरान जेपी नड्डा ने साफ कहा है कि देश में नागरिकता संशोधन कानून लागू होगा और एनआरसी भी लाया जाएगा। उन्होंने मीडिया से कहा- "भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आगे बढ़ रहा है और यह आगे बढ़ता रहेगा। नागरिकता (संशोधन) कानून लागू होगा, भविष्य में एनआरसी भी लागू किया जाएगा।" इससे पहले सिखों का एक प्रतिनिधिमंडल बीजेपी मुख्यालय पहुंचा और नया नागरिकता कानून लाने के लिए पार्टी को धन्यवाद दिया। नए कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, पारसी, जैन और बौद्ध शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। नड्डा के मुताबिक ये सिख शरणार्थी तीन दशक पहले अपना धर्म बचाए रखने के लिए अफगानिस्तान से भागकर भारत आए थे। बीजेपी नेता ने ये भी कहा कि इन शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए दस्तावेजी कार्य जल्द शुरू होगा, जिससे यह मुख्यधारा में शामिल हो सकें।
'मानवता के नाते और देशहित में लिया गया फैसला'
नड्डा ने दावा किया है कि नागरिकता संशोधन कानून का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मावता के नाते और देशहित में लिया है। जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस, टीएमसी और लेफ्ट जैसी पार्टियां इसका जोरदार विरोध कर रही हैं तो उन्होंने पार्टी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए बयान का हवाला देकर कहा कि वे उसी भाषा में बात कर रहे हैं, जैसा कि इस मुद्दे पर पाकिस्तान कर रहा है। गौरतलब है कि विरोधी पार्टियां इस नाम पर नए कानून के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन कर रही हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी दोनों मुस्लिमों के खिलाफ है और उनके साथ भेदभाव करता है। जबकि, सरकार संसद में और बाहर भी बार-बार कह चुकी है कि नए कानून से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिता पर कोई खतरा नहीं है और यह नागरिकता लेने का नहीं, नागरिकता देने का कानून है।