प्रज्ञा ठाकुर को 'नाली और शौचालय साफ' वाले बयान पर जेपी नड्डा की नसीहत, ऐसे बयानों से करें परहेज
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी की सासंद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर नए विवाद में फंस गई हैं। रविवार को उन्होंने भोपाल से सटे सिहोर में कहा कि हम नाली साफ करवाने और टॉयलेट बनवाने के लिए सांसद नहीं बने है। अपने इस बयान को लेकर वो बुरी तरह घिर गई हैं। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयान पर नाराजगी जताई है और उन्हें ऐसे बयानों से दूर रहने की नसीहत दी है।
साध्वी प्रज्ञा को दी नसीहत
बीजेपी की सांसद साध्वी प्रज्ञा को जेपी नड्डा और बीजेपी के संगठनात्मक महासचिव बीएस संतोष ने समन भेजकर दिल्ली में पार्टी कार्यालय में बुलवाया। सूत्रों के मुताबिक जब पार्टी आलाकमान ने उनसे उनके विवादित बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उनसे पार्टी की विचारधारा और कार्यक्रमों के खिलाफ बयान देने से परहेज करने को कहा गया है। बीजेपी सांसद ने बीजेपी ऑफिस छोड़ते समय पत्रकारों से बात करने से इनकार कर दिया
प्रज्ञा ठाकुर ने क्या कहा था?
बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने रविवार को सिहोर पहुंची थी। वहां उनके कार्यक्रम का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वो ये कह रही हैं कि, हम नाली साफ करवाने के लिए सांसद नहीं बने हैं। हम आपके शौचालय साफ करने के लिए बिल्कुल भी सांसद नहीं बनाए गए हैं। हमें जिस काम के लिए सांसद बनाया गया है, वो काम हम इमानदारी से करेंगे। इस दौरान सवाल के जवाब में प्रज्ञा ठाकुर कुछ नाराज भी नजर आईं। गौरतलब है कि सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव धमाके की आरोपी है और इस मामले में मुकदमे का सामना कर रही हैं। वो अभी जमानत पर बाहर हैं।
प्रज्ञा के बयान पर विपक्ष हमलावर
प्रज्ञा के बयान की कांग्रेस ने निंदा की है। मध्यप्रदेश की कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि उनरे बयान ने पीएम मोदी के फ्लैगशिप प्रोग्राम 'स्वच्छ भारत अभियान' के खोखलेपन को उजागर किया है। वहीं एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वो यह बता रही हैं कि वह अपर कास्ट की है और जो टॉयलेट साफ करते हैं वो उनके बराबर नहीं है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। साथ में ओवैसी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को चैलेंज कर रही हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी दिए विवादित बयान
साध्वी प्रज्ञा ने हाल में संपंन्न लोकसभा चुनाव में भी विवादित बयान दिए थे। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हथियारे नाथूराम को देशभक्त बताया था। हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी मांग ली थी। पार्टी ने इसके लिए उन्हें नोटिस भी जारी किया था। इसके अलावा उन्होंने मुंबई एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर कहा था कि उनकी हत्या उनके श्राप की वजह से हुई थी। गौरतलब है कि बीजेपी के टिकट पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव में हराया था। भोपाल लोकसभा सीट में उन्होंने दिग्विजय सिंह को 3.64 लाख वोटों से हराया था।
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