जर्नलिस्ट तवलीन सिंह के बेटे आतिश तासीर की भारतीय नागरिकता रद्द, जानकारी छिपाने का आरोप
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लेखक आतिश तासीर को दिया गया ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया यानी ओसीआई स्टेटस वापस ले लिया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि आतिश ने अपने बारे में कुछ जानकारियां छिपाई हैं। आपको बता दें कि आतिश तासीर देश की मशहूर जर्नलिस्ट तवलीन सिंह के बेटे हैं। गुरुवार रात गृह मंत्रालय की तरफ से इस बाबत एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी गई।
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पिता हैं पाकिस्तानी नागरिक
गृह मंत्रालय की तरफ से इस ट्वीट में बताया गया है, 'सिटीजनशिप एक्ट 1955 के तहत आतिश अली तासीर अब ओसीआई कार्ड के योग्य नहीं हैं। वह स्पष्ट तौर पर आधारभूत योग्यताओं का पालन नहीं किया और जरूरी जानकारियों को छिपाया है।' गृह मंत्रालय ने बताया है कि तासीर ने यह जानकारी छिपाई है कि उनके पिता एक पाकिस्तानी नागरिक है। ओसीआई कार्ड के तहत भारतीय मूल के किसी भी विदेशी नागरिक को पहचान दी जाती है और उसे भारत में दाखिल होने के लिए फिर किसी तरह के वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है। जहां सभी देशों में बसे भारतीय मूल के लिए यह कार्ड मान्य है तो सिर्फ पाकिस्तानी और बांग्लादेश में बसे भारतीय इसके योग्य नहीं है। ओसीआई कार्ड को दोहरी नागरिकता के लिए जारी मांग के तहत जारी किया गया था जो भारतीय नागरिकता कानून के तहत अमान्य है। गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि तासीर को अपने केस का प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया था लेकिन वह ऐसा करने में असफल रहे।
गृह मंत्रालय के दावे पर क्या बोले तासीर
तासीर की तरफ से भी गृह मंत्रालय के इस दावे का खंडन ट्वीट कर किया गया है। तासीर की मानें तो गृह मंत्रालय की तरफ से कोई मौका नहीं दिया गया था। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, 'यह सही नहीं है। मुझे पूरे 21 दिन भी नहीं दिए गए थे और सिर्फ 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया था। इस बीच में मुझे मंत्रालय की तरफ से कुछ भी नहीं कहा गया।' तासीर ने इसके साथ ही भारतीय अथॉरिटीज की ओर से उन्हें जारी किए गए ई-मेल का स्क्रीन शॉट भी शेयर किया है। तासीर इस समय न्यूयॉर्क में रहते हैं। टाइम मैगजीन में कुछ माह पहले एक आर्टिकल आया था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, 'डिवाइडर-इन-चीफ' करार दिया गया था। तासीर ने अपने इस आर्टिकल में पीएम मोदी के पहले कार्यकाल की आलोचना की थी।