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नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ पत्रकार शिरीन दलवी ने लौटाया साहित्य अकादमी अवॉर्ड

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नई दिल्‍ली। नागरिक संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों असम और त्रिपुरा में विरोध तेज हो गया है। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनका कहना है कि ये बिल असंवैधानिक है। इसी विरोध के बीच में एक पत्रकार ने अपना अवार्ड वापस कर दिया है। पत्रकार का नाम शिरीन दलवी है और उन्‍हें साल 2011 में राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। शिरीन दलवी अवधनामा की संपादक रही हैं और 2015 में चार्ली हेब्दो के विवादास्पद कार्टून को अपने अखबार में छापने के चलते गिरफ्तार भी हो चुकी हैं। बाद में उन्‍हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

क्‍या कहा उन्‍होंने पुरस्‍कार वापस करके

क्‍या कहा उन्‍होंने पुरस्‍कार वापस करके

राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस करने का ऐलान करते हुए शिरीन दलवी ने अपने पोस्ट पर कहा, 'मुझे बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के नागरिकता संशोधन बिल के पास कराए जाने की खबर से दुख हुआ है। नागरिकता संशोधन बिल के जरिए हमारे संविधान और धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया गया है और इस अमानवीय कानून के विरोध में मैं अपना राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार वापस कर रही हूं।' उन्होंने आगे लिखा कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) विभाजनकारी है।

राज्‍यसभा में भी पास हो गया नागरिकता संशोधन बिल

राज्‍यसभा में भी पास हो गया नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संसोधन बिल बुधवार को राज्यसभा से भी पास हो गया। इस बिल के पक्ष में 125 वोट और विरोध में 99 वोट पड़े। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दोपहर 12 बजे नागरिकता संशोधन बिल को पेश किया, जिसके बाद इस बिल पर ऊपरी सदन में चर्चा हुई। इस दौरान विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया। चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपना जवाब सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसके बाद राज्यसभा में यह ऐतिहासिक बिल पास हो गया।

जान लीजिए क्‍या है नागरिकता संशोधन बिल

जान लीजिए क्‍या है नागरिकता संशोधन बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक का उद्देश्य छह समुदायों - हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध तथा पारसी - के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। बिल के जरिये मौजूदा कानूनों में संशोधन किया जाएगा, ताकि चुनिंदा वर्गों के गैरकानूनी प्रवासियों को छूट प्रदान की जा सके। चूंकि इस विधेयक में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए विपक्ष ने बिल को भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के खिलाफ बताते हुए उसकी आलोचना की है। खबरों के अनुसार, नए विधेयक में अन्य संशोधन भी किए गए हैं, ताकि 'गैरकानूनी रूप से भारत में घुसे' लोगों तथा पड़ोसी देशों में धार्मिक अत्याचारों का शिकार होकर भारत में शरण लेने वाले लोगों में स्पष्ट रूप से अंतर किया जा सके।

देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक का संसद के निचले सदन लोकसभा में आसानी से पारित हो जाना तय है, लेकिन राज्यसभा में, जहां केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, इसका पारित हो जाना आसान नहीं होगा।

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English summary
Senior journalist and writer Shirin Dalvi has decided to return her State Sahitya Akademi Award as a mark of protest against the Citizenship Amendment Bill, which was passed in Rajya Sabha on 11 December.
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