सड़क पर दर्द से कराह रहा था बंदर, एक ट्वीट पर मेनका गांधी ने भेज दी अपनी कार
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद मेनका गांधी का जानवरों के लिए प्यार किसी से छिपा नहीं है। वह कई वर्षों तक एनिमल एक्टिविस्ट के तौर पर काम करती रही हैं और आज भी जानवरों के हक में आवाज उठाने का काम करती हैं। मेनका के इसी नरम रुख से लोगों का सामना सोमवार को उस समय हुआ जब एक जर्नलिस्ट ने एक घायल बंदर के बारे में मेनका को ट्वीट किया और उनसे मदद मांगी।
जर्नलिस्ट ने मांगी मदद
यह बंदर बुरी तरह से घायल था और सड़क के किनारे दर्द से कराह रहा था। एक जर्नलिस्ट की नजर इस पर पड़ी और उन्होंने मेनका गांधी को टैग करते हुए ट्विटर पर उनसे मदद मांगी। जर्नलिस्ट ने लिखा, 'यह बंदर घायल है और बहुत बुरी हालत में है। कृप्या कोई एनजीओ या फिर कोई एनिमल राइट एक्टिविस्ट इसे बचा ले। बंदर रायसीना रोड पर प्रेस क्लब के करीब है।' इसी ट्वीट को मेनका गांधी के ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया गया था।
|
कुछ ही मिनटों में पहुंची कार
इस ट्वीट के बाद मेनका ने जो किया उसके बारे में शायद खुद जर्नलिस्ट को भी अंदाजा नहीं रहा होगा। मेनका ने एक घंटे बाद जवाब दिया। उन्होंने लिखा, 'मुझे टैग करने के लिए आपका शुक्रिया। मैं अभी एक कार वहां पर भेज रही हूं और इस बंदर को इलाज के लिए संजय गांधी एनिमल केयर सेंटर ले जाया जाएगा। कुछ ही मिनटों में यह कार वहां पर होगी।'
सोशल मीडिया पर मेनका की तारीफ
सांसद के इस बर्ताव के बाद लोग सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। लोगों ने ट्विटर पर लिखा है कि उनके नरम दिल और अलर्टनेस ने एक बेजुबान की जान बचा ली है। थोड़ी देर बाद जर्नलिस्ट ने भी मेनका को ट्वीट कर जानकारी दी कि बंदर को इलाज के लिए ले जाया गया है। मेनका गांधी ने सन् 1992 में पीपुल फॉर एनीमल्स की शुरुआत की थी। यह ऑर्गनाइजेशन पूरे देश में जानवरों के अधिकारी और उनके कल्याण के लिए लड़ती है।
|
जानवरों के लिए हमेशा आवाज उठाती हैं मेनका
मेनका इसके अलावा इंटरनेशनल एनिमल रेस्क्यू संस्था से भी जुड़ी हैं। मेनका ने हफ्ते में एक बार टीवी पर आने वाले एक शो हेड्स एंड टेल्स को भी होस्ट किया था। इस शो में उन्होंने कमर्शियल मकसद के लिए होने वाले जानवरों के गलत प्रयोग के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसी टाइटल के साथ वह एक किताब भी लिख चुकी हैं।