क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सिंह ने किया ऐलान, ‘कमल का फूल थी हमारी भूल’ महारानी की बढ़ी मुश्किलें

Google Oneindia News

नई दिल्ली। राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को करारा झटका लगा है। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने शनिवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले में अपनी स्वाभिमान रैली के दौरान बीजेपी से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने ये कदम ऐसे वक्त में उठाया है जब राजस्थान में बीजेपी पहले से ही मुश्किलों से जूझ रही है। पार्टी में वसुंधरा राजे और केंद्रीय नेतृत्व के बीच खींचतान की खबरें भी आती रही हैं। राज्य में सवर्ण समाज भी पार्टी से नाराज है और ऐसे में मानवेंद्र सिंह का पार्टी छोड़ना जाहिर तौर पर बीजेपी के लिए और परेशानी खड़ी करेगा। अपनी उपेक्षा से नाराज मानवेंद्र सिंह कई बार पार्टी को अलविदा कहने का इशारा कर चुके थे। कहा जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मानवेंद्र सिंह के पिता जसवंत को पार्टी द्वारा टिकट नहीं देने के बाद से ही परिवार के रिश्ते मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ खराब हो गए थे।

manvendra
'कमल का फूल हमारी भूल'
स्वाभिमान रैली के दौरान मानवेंद्र ने भाजपा छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा 'कमल का फूल हमारी भूल थी'। रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा, "गौरव और सकंल्प को लेकर कई रैलियां हुई हैं। लेकिन आज की रैली सबसे बड़ी है। ये स्वाभिमान की रैली है। मानवेंद्र ने कहा कि ये रैली उन सभी लोगों के स्वाभिमान के लिए है जो हमारे साथ हैं। ये एक जाति या समुदाय की बैठक नहीं इसमें 'छत्तीस कौम' के लोग हिस्सा ले रहे हैं"। सिंह ने आगे कहा बाड़मेर-जैसलमेर पर 2014 के चुनाव में सबकी नजर थी और अब 2018 में भी सबकी नजर है। 2014 में जयपुर में एक व्यक्ति की वजह से मेरे पिता का टिकट काटा गया। हमारे समर्थकों को काफी परेशान किया गया। अब हमारा धैर्य टूट चूका है। इस पार्टी में रहने के कोई औचित्य नहीं है।

पार्टी ने किया था निलंबित

पार्टी ने किया था निलंबित

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मानवेंद्र सिंह का छत्तीस का आंकड़ा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में वसुंधरा राजे के कारण ही उनके पिता जसवंत सिंह को भाजपा का टिकट नहीं मिला था। इसके बाद जसवंत सिंह ने बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। लेकिन वसुंधरा राजे ने जाट समुदाय के कर्नल सोनाराम को जिताने के लिए यहां पूरी ताकत झोंक दी थी और जसवंत सिंह हार गए थे। इन चुनावों में पिता का साथ देने पर मानवेंद्र को पार्टी ने निलंबित कर दिया गया था लेकिन बाद में निलंबन खत्म कर दिया गया था। लेकिन उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। उपेक्षा से परेशान मानवेंद्र काफी वक्त से पार्टी छोड़ने का संकेत दे रहे थे।
ये भी पढ़ें:- राहुल गांधी ने मोहन भागवत से पूछा, क्या आप खुद को भगवान समझते हो?

बढ़ेगी वसुंधरा की मुश्किल

बढ़ेगी वसुंधरा की मुश्किल

गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर और सामराऊ विवाद के कारण राजस्थान में राजपूत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नाराज चल रहे हैं। अब एससी/एसटी एक्ट को लेकर भी अगड़ों में नाराजगी है। राज्य में राजपूतों की आबादी करीब छह फीसदी है और परंपरागत रूप से इनका वोट बीजेपी को मिलता रहा है। लेकिन इस बार स्थिति अलग हो सकती है। आनंदपाल की बेटी के भी चुनाव मैदान में उतरने की खबरें है और अब मानवेंद्र सिहं के जाने से भी बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

कांग्रेस में जाने के कयास

कांग्रेस में जाने के कयास

बीजेपी छोड़ने के बाद मानवेंद्र सिहं का अगला कदम क्या होगा फिलहाल उन्होंने इसका ऐलान नहीं किया है। चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वो अपनी अलग पार्टी बनाने के बजाए कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। इस संभावना को इसलिए भी बल मिल रहा है कि पिछले दिनों मानवेंद्र कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत से मुलाकात कर चुके हैं।

ये भी पढ़ें:- दिल्ली में केजरीवाल अड़े, नहीं लागू करेंगे नरेंद्र मोदी की ये सबसे बड़ी योजना! जानिए कारण

Comments
English summary
Jolt for BJP in Rajasthan, Manvendra Singh, son of Jaswant Singh quits party.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X