जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर में कैंसर कारक तत्व का चला पता, बाजार से वापस मंगाए 33 हजार डिब्बे
नई दिल्ली। अपने प्रोडक्ट को लेकर विवादों में रही अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन एक बार फिर चर्चा में है। आमेरिका की स्वास्थ्य नियामकों की जांच में प्रोडक्ट में एस्बेस्टस की मात्रा का पता चलने के बाद कंपनी ने लगभग 33 हजार बेबी पाउडरों को बाजार से वापस मंगा लिया है। एस्बेस्टस एक घातक कार्सिनोजेन है जिससे इंसानों में कैंसर बढ़ने का खतरा होता है। नमूनों में इस तत्व की मात्रा पाए जाने के बाद कंपनी पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।
बता दें अमेरिकी फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन बेबा पाउडर, ओपियोइड, मेडिकल डिवाइस और एंटीसाइकोटिक रिस्परडल सहित कई तरह के उत्पादों का निर्माण करती है। कंपनी को अब तक अपने हर प्रोडक्ट पर कभी न कभी मुकदमें का सामना करना पड़ा है।
8 बिलियन डॉलर का लगा झटका
बता दें, इससे पहले भी कई लोगों ने जॉनसन एंड जॉनसन के प्रोडक्ट से घातग बीमारी होनी की बात कही है। हाल ही में कंपनी पर एक शख्स ने यह आरोप लगाया था की उसके पाउडर इस्तेमाल करने के बाद से उसके स्तनों का साइज बढ़ गया है। इस मामले में कंपनी दोषी पाई गई और उसके उस शख्स को 8 बिलियन डॉलर का हर्जाना दिया। अब शुक्रवार को इस घटना के सामने आने के बाद से कंपनी को एक और बड़ा झटका लगा है, उसे बाजार में उपलब्ध सारे पाउडर के डब्बे वापस मंगाना पड़ा है।
15 हजार से अधिक मुकदमें
ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिकी नियामकों ने प्रोडक्ट में एस्बेस्टस जैसे तत्व होने का पता लगाया है। इस तत्व के लंबे समय तक इंसानों संपर्क में आने से त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। करीब 130 साल पुरानी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के लिए यह बड़ा झटका है। कंपनी को इससे पहले भी 15 हजार से अधिक मुकदमों का सामना करना पड़ा है।
भारत में भी दर्ज हुआ मुकदमा
फार्मा की जानी मानी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने उत्तर प्रदेश में अपने द्वारा किए गए गलत हिप प्रत्यारोपण के तीन पीड़ितों को 25 लाख रुपये का भुगतान किया था। उत्तर प्रदेश ड्रग लाइसेंसिंग और नियंत्रण अधिकारी ए के जैन के अनुसार, कंपनी ने तीन मरीजों को मुआवजा दिया है, जो कंपनी द्वारा किए गए गलत हिप ट्रांस्प्लांट की संशोधन सर्जरी से गुजरे थे।