रिपोर्ट में खुलासा: जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर में कैंसर फैलाने वाले केमिकल, पता होने के बावजूद बेचती रही कंपनी
नई दिल्ली। आपके बच्चे के त्वचा को सॉफ्ट और सिल्की बनाने का दावा करने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेजे) सालों से जानबूझकर कैंसर पैदा करने वाला पाउडर बेच रही है। हैरान करने वाली बात ये है कि इस बात का पता कंपनी को सालों से था उसके बावजूद भी वो ऐसा करती रही। रिपोर्ट के मुताबिक टैल्कम पाउडर में एस्बेस्टस है और एस्बेस्टस से कैंसर का खतरा होता है। रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी के इंटरनल डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए कहा है कि कंपनी एग्जेक्यूटिव से लेकर माइन मैनेजर, वैज्ञानिक, डॉक्टर और यहां तक कि वकील भी इस बात से अवगत थे। यह जानते हुए भी कंपनी सालों से यह प्रोडक्ट बेच रही है। अमेरिकी रेगुलेटर्स की योजना थी कि कॉस्मेटिक टैल्कम पाउडर में एसबेस्टस की मात्रा सीमित की जाए। लेकिन कंपनी ने इन कोशिशों के खिलाफ रेगुलेटर्स पर दबाव बनाया। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली।
पहले भी लगे हैं आरोप, 22 महिलाओं ने कैंसर होने का दावा किया
जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर में हानिकारक केमिकल होने के कई बार आरोप लगे हैं। हालांकि, जुलाई में अमेरिका की सैंट लुइस कोर्ट ने कंपनी के पाउडर में कैंसर फैलाने वाला केमिकल ‘एसबेस्टस' मिलने के बाद उस पर 4.7 अरब डॉलर (करीब 34 हजार करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया था। यह राशि उन 22 महिलाओं और उनके परिवारों को दी गई जिन्होंने पाउडर की वजह से कैंसर होने का दावा किया था। यह पहला मामला था जब एसबेस्टस की वजह से कैंसर होने का पता चला।
आरोपों को जॉनसान एंड जॉनसन ने नकारा
रिपोर्ट के मुताबिक, जॉनसन एंड जॉनसन ने सभी आरोप नकारे हैं। कंपनी का कहना है कि याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने अपने फायदे के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ की ताकि कोर्ट में भ्रम का माहौल पैदा किया जा सके। यह उन सभी टेस्ट्स से ध्यान हटाने की कोशिश है जो दावा करते हैं कि हमारे पाउडर में कोई हानिकारक पदार्थ मौजूद नहीं है। कंपनी ने कहा, "रॉयटर्स का आर्टिकल एकतरफा और झूठा है। कंपनी का बेबी पाउडर सुरक्षित और एस्बेस्टस फ्री है।
शेयर में आई गिरावट
इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी शेयर बाजार में कंपनी के स्टॉक में शुक्रवार को 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। सीएनएन ने लिखा कि 2002 के बाद यह कंपनी के शेयर्स में सबसे बड़ी गिरावट है। 19 जुलाई 2002 को कंपनी के शेयर्स में 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। तब कंपनी की एक पूर्व कर्मी ने कंपनी पर रिकॉर्ड में गड़बड़ी का आरोप लगाया था।