लिंग बदलने के बाद हक से मांगी नौकरी, महिला कॉन्स्टेबल का CM ने किया सपोर्ट
नौकरी पर अपना अधिकार बताते हुए न्याय मांगने के लिए ललिता सालवे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने भी इस मामले की नजाकत को समझने की सलाह भी दी है।
मुंबई। बीड में एक महिला कॉन्स्टेबल ललिता सालवे ने लिंग बदलने के बाद फिर से नौकरी करने देने की मांग की है। इस मामल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी अब हस्तक्षेप किया है। इस मामले में सहानभूतिपूर्वक विचार करके निर्णय लेने की सूचना मुख्यमंत्री पुलिस महासंचालक और गृह विभाग को दी गई है। ये दुर्लभ से बहुत ही दुर्लभ मामला है, जिसमें नियमों में प्रावधान करके वापस नौकरी पर लेने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया है और साथ ही ललिता सालवे ने लिंग बदलने के बाद नौकरी पर वापस लेने की याचिका मुंबई हाई कोर्ट में दाखिल की है। लिंग बदलने के बाद मेरी नौकरी पुलिस विभाग में कायम रखने की अपील ललिता ने कोर्ट में की है, जल्द ही इस पर सुनवाई हो सकती है।
क्या है पूरा मामला?
माजल गांव पुलिस स्टेशन में कार्यरत एक महिला पुलिस कर्मचारी ने महीने भर पहले लिंग चेंज का ऑपरेशन कराने लिए एक महीने की छुट्टी मांगी थी। उसके बाद पुलिस विभाग में फिर से पुरुष पुलिस के रूप में काम पर वापस लौटने की मांग की थी। ये विषय अधीक्षक के अधिकार के अंतर्गत नहीं होने की वजह से महिला कॉन्स्टेबल का आवेदन पुलिस महासंचालक सतीश माथुर के पास भेजा गया लेकिन तब महासंचालक ने उनकी सिफारिश को नकार दिया था।
लिंग बदलकर वापस से नौकरी में लौटने का किसी भी तरह का नियम नहीं होने की बात पत्र में कही गई थी। 23 जून को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में महिला कॉन्स्टेबल के हॉर्मोन और शारिरिक जांच की गई थी। जिसमें डॉक्टरों की सलाह के बाद 17 सितंबर को लिंग बदलने के लिए ऑपरेशन को लेकर छुट्टी का आवेदन किया था।
ललिता सालवे की पुलिस विभाग में महिला गुट में भर्ती हुई थी, इसलिए लिंग बदलने के बाद महिला गुप्र से नौकरी गंवानी पड़ सकती है। ऐसा पुलिस अधीक्षक कार्यालय ने बताया था। नौकरी पर अपना अधिकार बताते हुए न्याय मांगने के लिए ललिता सालवे ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ने भी इस मामले की नजाकत को समझने की सलाह भी दी है।
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