कैंपस में हिंसा के बाद जेएनयू प्रशासन हुआ सख्त, दोषी छात्रों से की जाएगी तोड़फोड़ की वसूली
नई दिल्ली। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में 5 जनवरी को नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों और शिक्षकों की पिटाई की थी, साथ ही उन्होंने कई हॉस्टलों में तोड़फोड़ की थी। जेएनयू में हिंसा के इस मामले में एक तरफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तो दूसरी तरफ, जेएनयू प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि जो छात्र चिन्हित होंगे वही तोड़फोड़ की भरपाई करेंगे।
चिन्हित छात्रों से होगी वसूली
रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा कि इस घटना से काफी नुकसान हुआ है, इसकी सही अंदाजा प्रॉक्टोरियल जांच से लगाया जा सकेगा। तोड़फोड़ के मामले में जो भी छात्र चिन्हित होंगे, उन्हीं से इसका खर्च वसूला जाएगा। प्रमोद कुमार ने बताया कि 5 जनवरी को जो भी घटना हुई है, वे बेहद अप्रत्याशित है और वे उसकी निंदा करते हैं।
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पुलिस ने FIR दर्ज की
जेएनयू कैंपस में हिंसा की घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है और नकाबपोशों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए पुलिस फेस रिकग्निशन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने बताया है कि मामले की जांच में किसी भी देरी से बचने के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त की अगुवाई में एक 'फैक्ट फाइंडिंग' समिति बनाई गई है। पुलिस ने छात्रों से अपील की है कि वे आगे आएं और जो भी वीडियो-फोटो हैं, उसे पुलिस को सौंपे ताकि जांच में मदद मिल सके।
कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले- दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने बताया था कि आमतौर पर एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक पर पुलिस की तैनाती रहती है, जो हिंसा हुई है वो उससे दूर हुई। बताया जा रहा है कि एक हिंदू संगठन के उस बयान को भी रिकॉर्ड करने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम गाजियाबाद जाएगी, जिसने जेएनयू में हमले की जिम्मेदारी ली है। बता दें कि रविवार शाम को नकाबपोश बदमाशों ने जेएनयू परिसर में घुसकर जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने कई छात्रों की बुरी तरह पिटाई की। इस हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष और कई शिक्षक भी घायल हो गए थे। लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी पर हमला करने का आरोप लगाया था जबकि एबीवीपी का कहना था कि लेफ्ट के लोगों ने मारपीट की थी।