JNU Violence: हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए साबरमती हॉस्टल के वरिष्ठ वार्डन आर मीणा ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। कुछ नकाबपोश गुंडों ने रविवार को जेएनयू कैंपस के अंदर घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमला किया। इस हिंसा की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए साबरमती हॉस्टल के वार्डन आर मीणा ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देते हुए आर मीणा ने कहा, छात्रों की सुरक्षा प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी थी और वह इसमें असफल रहे। इससे पहले JNU में एक दिन पहले हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कर ली है।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा, "हमने एक एफआईआर दर्ज की है।" रविवार को यहां परिसर में चेहरा छिपाकर आए सैकड़ों लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर लकड़ी और लोहे की छड़ों से हमला कर दिया था। हालांकि हिंसा में घायल हुए लोगों की संख्या के बारे में पता नहीं चल सका है, लेकिन छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष समेत गंभीर हालत में कम से कम 20 छात्र अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हुए हैं।
JNU हिंसा की जांच दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह करेंगी। उनके नेतृत्व में 4 इंस्पेक्टर और दो एसीपी भी जांच टीम में शामिल होंगे। वहीं JNU के वीसी ने कहा, 'जेएनयू में मौजूदा हालात कुछ आंदोलनकारी छात्रों के हिंसक होने और बड़ी संख्या में विरोध न करने वाले छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों में बाधा डालने की वजह से पैदा हुई है।
R. Meena, senior warden of Sabarmati Hostel of Jawaharlal Nehru University (JNU) has resigned stating, 'we tried but could not provide security to hostel.' #JNUViolence pic.twitter.com/9K68Fe1LIX
— ANI (@ANI) January 6, 2020
उन्होंने विंटर सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन को बाधित करने के लिए यूनविर्सिटी के कम्युनिकेशन सर्वर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।' JNU के वाइस चांसलर एम जगदेश कुमार ने कहा, 'सभी छात्रों से अपील करता हूं कि वे शांति बनाएं रखें। विंटर सेमेस्ट रजिस्ट्रेशन बिना किसी रुकावट के जारी रहेगा।' उन्होंने कहा, 'अपने छात्रों के हितों की रक्षा यूनिवर्सिटी की प्राथमिकता है'।