JNU Violence: छात्राओं ने बताई आपबीती, कैसे लाठी-डंडों से हमलावरों ने बोला धावा
नई दिल्ली। जेएनयू में रविवार को जिस तरह से हिंसा हुई उसके बाद छात्रों में काफी आक्रोश है। इस हमले में कई छात्रों को गंभीर चोट आई है, जिनका एम्स में इलाज चल रहा है। नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू के भीतर लाठी-डंडों से यहां के छात्रों पर हमला किया, इन लोगों ने कैंपस के भीतर जमकर तोड़फोड़ की। कैंपस के भीतर दहशत का यह आलम था कि कई छात्रों ने खुद को कमरे के भीतर बंद कर लिया ताकि वह खुद को इन गुंडों से बचा सके। कई छात्राओं ने खुद को हॉस्टल के कमरों में बंद कर लिया था।
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एबीवीपी ने पल्ला छाड़ा
इस हमले के बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन और जेएनयू शिक्षक एसोसिएशन का आरोप है कि हमले के पीछे आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का हाथ है हालांकि एबीवीपी ने इससे साफ इनकार किया है। एबीवीपी का कहना है कि उनका इस हिंसा से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि लेफ्ट के छात्रों ने कैंपस के भीतर हमला किया। जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने एक बयान जारी करके आरोप लगाया है कि दो छात्र गुटों के बीच झड़प हुई थी, जोकि सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे
रजिस्ट्रार का बयान
रजिस्ट्रार ने अपने बयान में कहा कि शाम तकरीबन 4.30 बजे कुछ छात्रों का गुट रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था और इन लोगों का यह प्रदर्शन एडमिन ब्लॉक के गेट से होते हुए हॉस्टल तक पहुंच गया। जिसके बाद प्रशासन ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। लेकिन जबतक पुलिस वहां आती, यहां रजिस्ट्रेशन के समर्थन में जो छात्र थे उनके साथ मारपीट होने लगी। जो छात्र रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहे थे वह इन छात्रों के साथ मारपीट करने लगे। बता दें कि जेएनयूएसयू रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध कर रही थी। दरअसल प्रशासन ने हॉस्टल की फीस बढ़ाने का फैसला लिया है, जिसके विरोध में ये छात्र प्रदर्शन कर रहे थे।
कई लोगों को आई चोट
इस हिंसा में तकरीबन 23 छात्रों को चोट आई है जिन्हें एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। घायलों में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइसी घोष भी शामिल हैं। उन्हें भी एम्स में भर्ती कराया गया है, जबकि एक प्रोफेसर को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घोष का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमे देखा जा सकता है कि उनके सिर से खून बह रहा है और वह कह रही हैं कि उनपर बर्बरता से हमला किया गया, मेरे सिर से खून बह रहा है और मैं बात नहीं कर सकती हूं। जेएनयू के छात्र व शिक्षकों के अनुसार यह हमला उस वक्त हुआ जब जेएनयूटीए व जेएनयूएसयू की शांतिपूर्ण बैठक चल रही थी।
भयावह घटना
जेएनयू की फैकल्टी के सदस्य अवनीश कुमार ने बताया कि जब हम कार्यक्रम खत्म कर रहे थे तभी हमने देखा कि कुछ लोग नकाब पहनकर बड़ी संख्या में हाथ में लाठी और पत्थर लेकर आ रहे हैं। इन लोगों ने हर किसी को मारना शुरू कर दिया। हमारे कई छात्र और शिक्षक इस हमले में घायल हो गए। वहीं एक छात्र ने बताया कि हम इन लोगों को सिर्फ पीछे से देख पाए जब वह पेड़ की तरह से हमारी ओर आ रहे थे। जब वह लोग हमारे करीब पहुंचे तो छात्र घबरा गए। हम जबतक कुछ समझ पाते कि क्या हो रहा है इन गुंडों ने हमपर हमला कर दिया, यह भयावह और अकल्पनीय घटना थी।
हॉस्टल से मदद के लिए चीखती रहीं छात्राएं
एक अन्य छात्रा ने बताया कि उसने 10 अन्य छात्राओं के साथ खुद को हॉस्टल के कमरे में तकरीबन तीन घंटे तक बंद रखा। भीड़ हमारे दरवाजे को पीट रही थी, हॉस्टल के कमरे की खिड़की पर तोड़फोड़ कर रही थी, हम लोग मदद के लिए चीख रहे थे। वीडियो और तस्वीर में देखा जा सकता है कि हमलावर हाथ में लाठी, हथौड़ा, पत्थर लिए हैं। साबरमती, माही महादेवी, कावेरी और पेरियार हॉस्टल के छात्रों ने तोड़फोड़ की शिकायत की है।
लाठी, तेजाब से हमला
एमए की छात्रा ऐश्वर्या ने बताया कि कैंपस के बाहर रविवार की रात बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए, इसमे एबीवीपी के समर्थक भी थे। ये लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे, ये लोग एबीवीपी के समर्थन में नारे लगा रहे थे। कैंपस के बाहर 500 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। छात्रों के बीच काफी भय है, हम अभी भी हॉस्टल के कमरों में बंद अपने दोस्तों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह की भी अफवाह है कि छात्रों को हथौड़े से मारा गया है और उनके उपर तेजाब फेंका गया है।
एबीवीपी का पक्ष
वहीं इन सब के बीच एबीवीपी के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार का कहना है कि जो लोग रजिस्ट्रेशन कराने से लोगों को रोक रहे थे वह सैकड़ों की संख्या में थे, इन लोगों ने हमारे लोगों को मारा है। हमारे 25 लोगों के साथ मारपीट की गई है, इन लोगों को प्रशासनिक भवन से दौड़ा दौड़ाकर मारा गया। ये लोग पेरियार और साबरमती हॉस्टल में घुसे और हमारे सदस्यों को मारा। कई लोग एम्स और सफदरगंज में भर्ती हैं।