JNU Violence: एबीवीपी का दावा- लेफ्ट विंग छात्रों ने काटा था इंटरनेट कनेक्शन, हमारे कई कार्यकर्ता लापता
नई दिल्ली। देश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। रविवार को कुछ नकाबपोश गुंडों ने कैंपस के अंदर घुसकर छात्रों पर जानलेवा हमला किया। हाथों में लाठी, डंडों और लोहे की रॉड लेकर बदमाशों ने लड़कियों के हॉस्टल में घुसकर तोड़फोड़ की। छात्र-छात्राओं के अलावा प्रोफेसर्स के साथ भी मारपीट की गई। इसे लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के जेएनयू यूनिट के प्रेसिडेंट दुर्गेश कुमार ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दुर्गेश कुमार ने कहा है कि आज रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन था। एबीवीपी के छात्र कार्यकर्ता सुबह रजिस्ट्रेशन कराने गए थे तो पता चला कि उन्होंने (लेफ्ट विंग स्टूडेंट्स) कल से ही इंटरनेट कनेक्शन ही काट दिया था।
नकाब लगाकर आए लेफ्ट विंग स्टूडेंट्स, हमारे 11 कार्यकर्ता लापता
दुर्गेश कुमार ने आरोप लगाया है कि लेफ्ट विंग ने इंटरनेट कनेक्शन काटने की साजिश रची। उन्होंने कहा, "परेशान स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन की मांग को लेकर स्वामी विवेकानंद की मूर्ति के पास एकत्र थे। तभी नकाबपोश लेफ्ट विंग के सैकड़ों कार्यकर्ता आए और हमला बोल दिया। एबीवीपी के वर्कर जान बचाने के लिए हॉस्टल्स में घुसे। अब भी हमारे 11 कार्यकर्ताओं का पता नहीं चल रहा है, वे गायब हैं।"
क्या हुआ कैंपस में, छात्रा ने सुनाई आपबीती
रोती हुई एक छात्रा ने हिंसा के बारे में बताया, "मैं कमरे में थी। भगदड़ के बीच मैंने कई लड़कियों को आते देखा। मैंने सबसे अपने-अपने कमरे बंद कर लेने को कहा। मैं जब वीडियो क्लिप लेने की कोशिश कर रही थी तभी उन्होंने मेरे ऊपर पत्थर मारा।"
बीजेपी ने की हमले की निंदा
बीजेपी ने जेएनयू में हुई इस घटना की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा है कि अराजत तत्वों की यह कोशिश है। पार्टी ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है कि अराजक शक्तियां छात्रों का इस्तेमाल कर अशांति फैलाकर अपने गिरते राजनीतिक हैसियत को बचाना चाहती है। विश्वविद्यालय सिर्फ सीखने और शिक्षा पाने का केंद्र बना रहना चाहिए।
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