बहिष्कार के बीच JNU के छात्रों को घर बैठे वॉट्सएप और ईमेल पर परीक्षा देने का मौका
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने फीस बढ़ोतरी के बाद आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। जिसके बाद अब विश्वविद्यालय ने परीक्षा वॉट्सएप और ईमेल के जरिए कराने का फैसला लिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इससे पहले कभी ऐसा कदम नहीं उठाया था। इस फैसले को शिक्षक संघ ने बेतुका और बकवास बताया है।
चेयरपर्सनों को एक पत्र लिखा
स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के डीन अश्विनी के.मोहापात्रा ने सेंटर के चेयरपर्सनों को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा है कि जेएनयू कैंपस की असाधारण स्थिति को देखते हुए ऐसा फैसला लिया गया है। वाइस चांसलर, स्कूलों के डीन, स्पेशल सेंटर के चेयरपर्सनों और अन्य अधिकारियों के बीच मीटिंग के बाद ये कदम उठाया गया। इस पत्र में उन्होंने लिखा है कि एमफिल/पीएचडी और एमए प्रोग्राम के लिए जेएनयू में अंतिम सेमेस्टर परीक्षा आयोजित कराने को लेकर मीटिंग में सर्वसम्मति बनी है।
कैसे होगी परीक्षा?
पत्र के मुताबिक कोर्स टीचर छात्रों को प्रश्नपत्र भेजेंगे। छात्रों को 21 दिसंबर तक मूल्यांकन के लिए अपने-अपने टीचरों को अपनी उत्तर पुस्तिका जमा करानी होगी। छात्र ईमेल या फिर वॉट्सएप के जरिए हाथ से लिखी हुई उत्तरपुस्तिका की तस्वीर जमा करा सकते हैं। इसके साथ ही अगर छात्र चाहें तो खुद भी निजी रूप से जाकर मूल्यांकनकर्ता को अपनी कॉपी जमा करा सकते हैं। अगर छात्र 21 दिसंबर तक अपनी उत्तरपुस्तिका जमा नहीं करा पाते हैं तो उनको एक दिन और दिया जाएगा।
तरीके में पारदर्शिता की कमी
हालांकि इस तरीके में पारदर्शिता नहीं है। इसमें छात्र आसानी से नकल कर सकते हैं। मोहापात्रा ने पत्र में लिखा है, 'इन परिस्थितियों में कोई और तरीका नहीं है। मुझे केवल छात्रों के भविष्य की चिंता है।' बता दें 12 नवंबर को विश्वविद्यालय की ओर से फीस में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया गया था। जिससे जेएनयू के करीब 40 फीसदी छात्र प्रभावित होंगे। साथ ही विश्वविद्यालय की ओर से नया ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग को लेकर भी नया नियम बनाया गया है। जिसके विरोध में जेएनयू के छात्रों ने अपनी परीक्षा का बहिष्कार किया है।
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