JNU ने बिगाड़ा 'छपाक' का खेल, 3-3 राज्यों में टैक्स फ्री होने के बाद भी औंधे मुंह गिरी फिल्म!
बेंगलुरू। एसिड पीड़ित लक्ष्मी अग्रवाल की जीवन पर बॉयोपिक फिल्म छपाक बॉक्स ऑफिस पर बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम दिख रही है। करीब 1500 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई फिल्म छपाक खराब कंटेंट और खराब निर्देशन की वजह से नहीं, बल्कि इसकी हालत यह हालत राजनीतिक विरोध के कारणों से हुआ है।
गत 7 जनवरी की रात फिल्म लीड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण अचानक जेएनयू में पहुंच गईं, जहां दो दिन पूर्व नकाबपोश छात्रों द्वारा जेएनयू कैंपस में किए गए तोड़-फोड़ के बाद छात्र प्रदर्शन कर रहे थे। जेएनयू में पूर्व छात्र संघ नेता कन्हैया कुमार के साथ दिखी दीपिका पादुकोण ने कैंपस में करीब 10 मिनट तक रुकी और चली गईं, लेकिन दीपिका के रवैये से नाराज हुए फैंस ने फिल्म छपाक का विरोध करना शुरू कर दिया।
दरअसल, दीपिका पादुकोण राजधानी दिल्ली में फिल्म छपाक के प्रमोशनल इवेंट के लिए आईं थी, लेकिन अचानक देर रात दीपिका पादुकोण जेएनयू कैंपस पहुंच गईं। आरोप लगा कि फिल्म छपाक को तात्कालिक फायदा पहुंचाने के लिए दीपिका जेएनयू ने जेएनयू में जारी छात्र प्रोटेस्ट का हिस्सा बनीं ताकि उसका इस्तेमाल फिल्म प्रमोशन के लिए किया जा सके।
लेकिन हुआ उसका उल्टा। क्योंकि एबीवीपी और बीजेपी नेताओं ने दीपिका पादुकोण को राजनीति से जोड़ते हुए पूरे में देश में रिलीज को तैयार उनकी फिल्म का विरोध करना शुरू कर दिया। दीपिका पादुकोण क जेएनयू विजिट के तुरंत बाद देखते-देखते ट्विटर पर #boycottchhapaak ट्रेंड होने लगा।
फिल्म छपाक के विरोध के पूरे देश में एक स्वर में दीपिका पादुकोण का विरोध शुरू हो गया। सोशल मीडिया में देशविरोधी करार दी जाने लगी दीपिका पादुकोण के मकसद पर सवाल उठाए जाने लगे। आखिर दीपिका जेएनयू क्यों पहुंची। फिल्म छपाक के बहिष्कार और विरोध के बीच जब 10 जनवरी को छपाक थियेटर पहुंची तो इसका असर भी दिखा।
फिल्म उत्तर और उत्तर पूर्व राज्यों में ज्यादा प्रभावित हुई। बिहार की राजधानी पटना में स्थित सिनेपोलिस में पहले ही दिन पहले शो में महज तीन लोग पहुंचे। यह किसी भी नई फिल्म के प्रदर्शन के लिए निराशानजक प्रदर्शन कहा जाएगा। कमोबेश यही हाल उत्तर प्रदेश में भी देखा गया, जहां छपाक को बहुत कम दर्शक मिले।
11 जनवरी को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की रिपोर्ट नमूंदार हुईं तो छपाक को हुए नुकसान की रिपोर्ट आ चुकी है। पूरे भारत में 1500 स्क्रीन पर रिलीज हुए छपाक ने महज 4.7 करोड़ का बिजनेस किया था जबकि अजय देवगन स्टारर फिल्म तानाजी को बेहतर रिसपांश मिला था और उसका पहले दिन का कलेक्शन 16 करोड़ रुपए रहा।
हालांकि छपाक की तुलना में तानाजी की स्क्रीन प्रजेंस ज्यादा था। छपाक को नुकसान पहुंच चुका था और यह क्रम शनिवार और रविवार के कलेक्शन पर भी दिखा जबकि फिल्म को तीन राज्यों क्रमशः छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 10 जनवरी को ही टैक्स फ्री घोषित कर दिया था।
गौरतलब है फिल्म छपाक ने 10 जनवरी को जहां 4.7 करोड़ रुपए कमाई की थी। वहीं, शनिवार 11 जनवरी को महज 6.9 करोड़ ही कमा पाई और रविवार, 12 जनवरी छुट्टी के दिन भी छपाक का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन महज 7.9 करोड़ ही कमा सकी, जबकि उसकी तुलना में तानाजी ने रिकॉर्ड तोड़ कमाई।
देशभक्ति और राष्ट्रवाद से ओतप्रोत फिल्म तानाजी ने पहले दिन जहां 16 करोड़ कमाए, शनिवार, 11 जनवरी को तानाजी ने 20-21 करोड़ रुपए की कमाई की और उसके अगले दिन यानी रविवार, 12 जनवरी ने 25-26 करोड़ रुपए की कमाई करते हुए एक सप्ताह में 60 करोड़ से अधिक की कमाई करने कायमाब रही।
अजय देवगन और काजोल से सजी फिल्म तानाजी में सैफ अली खान विलेन की भूमिका में हैं। फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया है। फिल्म समीक्षकों ने फिल्म तानाजी को अच्छी रेटिंग की है, जिसका फायदा तानाजी को मिल भी रहा है। वहीं, अच्छी रेटिंग के बावजूद दीपिका पादुकोण की फिल्म को जेएनयू प्रकरण के चलते नुकसान उठाना पड़ा है।
फिल्म छपाक तीन दिन में महज कुल 18.5 करोड़ रुपए की ही कमाई कर पाई है। तकरीबन 40 करोड़ रुपए निर्माण और प्रमोशन की लागत से साथ छपाक की कुल 55 करोड़ रुपए है और अगर फिल्म 60 करोड़ रुपए नहीं कमा पाई तो फ्लॉफ हो जाएगी जबकि 110 करोड़ की लगात से तैयार तानाजी अब तक 60 करोड़ कमा चुकी है।
चूंकि अभी भी फिल्म छपाक के खिलाफ बीजेपी का विरोध प्रदर्शन जारी है, तो माना जा रहा है कि छपाक को हिट हो पाने का नसीब शायद मिल पाए। बीजेपी के नेता तेजिंदर सिंह बग्गा टि्वटर पर #Tanhajichallenge शुरू किया है। यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। इस चैलेंज के तहत यूजर्स अजय देवगन की फिल्म 'तानाजी : द अनसंग वॉरियर' की टिकट बुक करके तीन लोगों को फ्री में दे रहे हैं।
इतना ही नहीं टिकट बुक करने के बाद लोग उसके फोटो शेयर भी कर रहे हैं। बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने भी ये चैलेंज एक्सेप्ट करते हुए लोगों को फ्री में टिकिट बांटने शुरू कर दिए हैं। ट्विटर पर #Tanhajichallenge उन लोगों के द्वारा किया जा रहा है जो दीपिका के जेएनयू जाने से नाराज हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने दीपिका के जेएनयू में स्टूडेंट के साथ खड़े होने को गलत ठहराते हुए कहा कि दीपिका देश विरोधी नारे लगाने वाले के साथ खड़ी हो गईं।
माना जा रहा है कि दीपिका का जेएनयू में छात्रों के प्रदर्शन के समर्थन में जाना महंगा पड़ा है। यही कारण है कि विरोध के कारण लोग पहले ही दिन फिल्म देखने को लेकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। कुछ लोगों ने यहां तक कह दिया कि दीपिका की फिल्म एंटीनेशनल मूवी है इसलिए हमलोग इसको देखने से बेहतर अजय देवगन की फिल्म तानाजी देखना पसंद करेंगे। 7 जनवरी को जेएनयू गई दीपिका भले ही उस दौरान कुछ नहीं बोली थी, लेकिन देश विरोधी छात्रों के साथ खड़ी दीपिका के विरोध लोग छपाक के खिलाफ लगातार खड़े हैं।
दीपिका की फिल्म को एक तरह जहां विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिससे छपाक को कम दर्शक मिल रहे हैं। दूसरी तरफ तमिल रॉक्स द्वारा फिल्म छपाक की ऑनलाइन लीक कराने का भी खामियाजा उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा दीपिका की फिल्म को शुक्रवार को ही रिलीज हुई सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म दरबार से नुकसान हो रहा है।
फिल्मी पंडितों के आकलन की मानें तो छपाक इन दो बड़ी फिल्मों के आगे कुछ कमजोर नजर आ रही है। दक्षिण भारत में दरबार का मुकाबला कोई फिल्म नहीं कर सकती, क्योंकि इससे रजनीकांत द थलाइवा जुड़े हैं। दूसरी तरफ बॉलीवुड में छपाक को आगे भी तानाजी से भिड़ना होगा।
चूंकि छपाक एक बेहद संवेदनशील विषय पर बनी है। दूसरी तरफ देशभक्ति के मुद्दे पर बनी तानाजी को भी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है। छपाक एक अच्छी फिल्म हो सकती है, लेकिन दीपिका अभी भी उतनी बड़ी स्टार नहीं बन पाई हैं कि दर्शक महज उनके नाम पर आंख मूंद कर थिएटर पहुंच जाएं जैसे रजनीकांत या सलमान खान के नाम पर पहुंचते हैं।
निः संदेह फिल्म प्रमोशन के लिए जेएनयू गईं दीपिका पादुकोण एक पीआर स्ट्रटेजी का हिस्सा था, लेकिन लगता है कि देश में चल रहे राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति के माहौल ने दीपिका की रणनीतिक फेल कर दिया है, क्योंकि फिल्म के रिलीज होने से दो दिन पहले रात के वक्त अपनी मर्जी से जेएनयू गई हों, ये बात गले नहीं उतरती।
उल्लेखनीय है फिल्म की प्रोड्यूसर खुद दीपिका पादुकोण हैं, इसलिए फिल्म की पीआर टीम ने उन्हें एक्ट्रेस की तरह नहीं बल्कि फिल्म के प्रोड्सूयर की तरह सोचने के लिए सुझाव दिया होगा। कहा जा सकता है कि अगर दीपिका फिल्म की प्रोड्यूसर नहीं होतीं, कोई और प्रोड्यूसर होता तो वो दीपिका को जेएनयू जैसे मुद्दे पर रिएक्ट करने की परमिशन ही नहीं देता और फिल्म को कंट्रोवर्सी से दूर रखने की कोशिश करता।
चूंकि फिल्म छपाक के एक संवदेशील मुद्दे पर बनी फिल्म है और माना जा रहा है कि फिल्म छपाक बिना प्रमोशन के भी अच्छा प्रदर्शन करने का माद्दा रखती है, क्योंकि बॉलीवुड इतिहास की कई ऐसी फिल्में हैं, जो अच्छी स्क्रिप्ट और निर्देशन के दम पर कमाई के कई बड़े कीर्तमान बनाए हैं। इनमें छपाक का भी नाम दर्ज हो सकता था।
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उम्मीद के मुताबिक नहीं रही ‘छपाक' की कमाई
बॉक्स ऑफिस इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो सुबह के शोज से फिल्म की अच्छी कमाई हुई और ट्रेड एक्सपर्ट मानकर चल रहे थे कि शाम के कलेक्शन में उछाल आ सकता है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यही वजह है कि जो फिल्म के पहले दिन का कलेक्शन 6 करोड़ के आसपास पहुंचना चाहिए था, वह 4.75 करोड़ रुपए पर सिमट गया। फिल्म तीन दिन में भी सिर्फ 18.5 करोड़ कमा सकी।
क्या जेएनयू जाना दीपिका पादुकोण को पड़ा भारी?
मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी यह फिल्म दिल्ली बेस्ड एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी से प्रेरित है। ट्रेलर रिलीज के बाद इसे बेहतरीन रिस्पॉन्स मिल रहा था। फिल्म की अच्छी शुरुआत की उम्मीद भी की जा रही थी। लेकिन मंगलवार (7 जनवरी) को जब दीपिका अचानक जेएनयू में प्रदर्शन कर रहे छात्रों और वामपंथी नेताओं के साथ जाकर खड़ी हुईं तो उसके बाद से भाजपा और विश्व हिंदू परिषद समेत कई संगठन उनका लगातार विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ‘छपाक' और एक्ट्रेस के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। साथ ही लोगों से ‘छपाक' के बदले ‘तान्हाजी' देखने की अपील की जा रही है।
फिल्म छपाक के खिलाफ जारी है बीजेपी का विरोध प्रदर्शन
अभी भी फिल्म छपाक के खिलाफ बीजेपी का विरोध प्रदर्शन जारी है, तो माना जा रहा है कि छपाक को हिट हो पाने का नसीब शायद मिल पाए। बीजेपी के नेता तेजिंदर सिंह बग्गा टि्वटर पर #Tanhajichallenge शुरू किया है। यह सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। इस चैलेंज के तहत यूजर्स अजय देवगन की फिल्म 'तानाजी : द अनसंग वॉरियर' की टिकट बुक करके तीन लोगों को फ्री में दे रहे हैं। इतना ही नहीं टिकट बुक करने के बाद लोग उसके फोटो शेयर भी कर रहे हैं। बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा ने भी ये चैलेंज एक्सेप्ट करते हुए लोगों को फ्री में टिकिट बांटने शुरू कर दिए हैं। ट्विटर पर #Tanhajichallenge उन लोगों के द्वारा किया जा रहा है जो दीपिका के जेएनयू जाने से नाराज हैं।
फिल्म छपाक की ऑनलाइन लीक कराने का भी खामियाजा उठाना
दीपिका की फिल्म को एक तरह जहां विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिससे छपाक को कम दर्शक मिल रहे हैं। दूसरी तरफ तमिल रॉक्स द्वारा फिल्म छपाक की ऑनलाइन लीक कराने का भी खामियाजा उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा दीपिका की फिल्म को शुक्रवार को ही रिलीज हुई सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म दरबार से नुकसान हो रहा है। फिल्मी पंडितों के आकलन की मानें तो छपाक इन दो बड़ी फिल्मों के आगे कुछ कमजोर नजर आ रही है। दक्षिण भारत में दरबार का मुकाबला कोई फिल्म नहीं कर सकती, क्योंकि इससे रजनीकांत द थलाइवा जुड़े हैं। दूसरी तरफ बॉलीवुड में छपाक को आगे भी तानाजी से भिड़ना होगा।
जेएनयू प्रकरण के चलते छपाक पर भारी पड़ा तानाजी का राष्ट्रवाद
छपाक एक बेहद संवेदनशील विषय पर बनी है। दूसरी तरफ देशभक्ति के मुद्दे पर बनी तानाजी को भी पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है। छपाक एक अच्छी फिल्म हो सकती है, लेकिन दीपिका अभी भी उतनी बड़ी स्टार नहीं बन पाई हैं कि दर्शक महज उनके नाम पर आंख मूंद कर थिएटर पहुंच जाएं जैसे रजनीकांत या सलमान खान के नाम पर पहुंचते हैं। निः संदेह फिल्म प्रमोशन के लिए जेएनयू गईं दीपिका पादुकोण एक पीआर स्ट्रटेजी का हिस्सा था, लेकिन लगता है कि देश में चल रहे राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति के माहौल ने दीपिका की रणनीतिक फेल कर दिया है, क्योंकि फिल्म के रिलीज होने से दो दिन पहले रात के वक्त अपनी मर्जी से जेएनयू गई हों, ये बात गले नहीं उतरती।
1500 स्क्रीन पर रिलीज हुई छपाक ने 3 दिन में कमाए 18.5 करोड़
11 जनवरी को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की रिपोर्ट नमूंदार हुईं तो छपाक को हुए नुकसान की रिपोर्ट आ चुकी है। पूरे भारत में 1500 स्क्रीन पर रिलीज हुए छपाक ने महज 4.7 करोड़ का बिजनेस किया था जबकि अजय देवगन स्टारर फिल्म तानाजी को बेहतर रिसपांश मिला था और उसका पहले दिन का कलेक्शन 16 करोड़ रुपए रहा। हालांकि छपाक की तुलना में तानाजी की स्क्रीन प्रजेंस ज्यादा था। छपाक को नुकसान पहुंच चुका था और यह क्रम शनिवार और रविवार के कलेक्शन पर भी दिखा जबकि फिल्म को तीन राज्यों क्रमशः छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 10 जनवरी को ही टैक्स फ्री घोषित कर दिया था।
फिल्म छपाक के बिना प्रमोशन के भी अच्छा प्रदर्शन कर सकती थी
फिल्म की प्रोड्यूसर खुद दीपिका पादुकोण हैं, इसलिए फिल्म की पीआर टीम ने उन्हें एक्ट्रेस की तरह नहीं बल्कि फिल्म के प्रोड्सूयर की तरह सोचने के लिए सुझाव दिया होगा। कहा जा सकता है कि अगर दीपिका फिल्म की प्रोड्यूसर नहीं होतीं, कोई और प्रोड्यूसर होता तो वो दीपिका को जेएनयू जैसे मुद्दे पर रिएक्ट करने की परमिशन ही नहीं देता और फिल्म को कंट्रोवर्सी से दूर रखने की कोशिश करता। चूंकि फिल्म छपाक के एक संवदेशील मुद्दे पर बनी फिल्म है और फिल्म बिना प्रमोशन के भी अच्छा प्रदर्शन करने का माद्दा रखती है। ऐसी कई फिल्में हैं, जो अच्छी स्क्रिप्ट और निर्देशन के दम पर कमाई के कीर्तमान बनाए हैं।