JNU देशद्रोह केस: चार्जशीट की मंजूरी के लिए दिल्ली सरकार ने कोर्ट में दी ये दलील
नई दिल्ली। जेएनयू देशद्रोह मामले में आज फिर एक नया मोड़ आ गया है। मामले में सरकारी वकील ने दिल्ली के पटियाला हाउस को बताया है कि गृह विभाग (दिल्ली सरकार) के पास फाइल विचाराधीन है और मंजूरी प्रक्रिया में लगभग एक महीने का समय और लग सकता है। कोर्ट ने सरकारी वकील को निश्चित समय सीमा पर उचित जवाब देने के निर्देश दिया है। बता दें कि इससे पहले 29 मार्च को हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी को गैर हाजिर पाए जाने पर जमकर फटकार लगाई थी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पहले कोर्ट को बताया था कि प्राधिकारियों ने मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ अभियोग चलाने के लिए अभी तक आवश्यक मंजूरी नहीं दी है, उसे मंजूरी लेने के लिए दो से तीन महीने का समय चाहिए। इसके बाद 14 जनवरी को पुलिस ने कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार को लेकर कहा है कि वह एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और 9 फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू परिसर में उठाए गए देशद्रोही नारों का समर्थन किया।
इससे पहले जब दिल्ली पुलिस ने चार्ज शीट फाइल की तो कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि बिना कानून विभाग की मंजूरी और दिल्ली सरकार की अनुमति के बिना चार्जशीट कैसे दाखिल हुई। इसके बाद जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि उन्हें 10 दिन के अंदर दिल्ली सरकार से चार्जशीट के लिए जरूरी मंजूरी मिल जाएगी लेकिन अनुमति अभी तक नहीं मिली है। कई हफ्ते से फाइल दिल्ली सरकार के गृह विभाग में ही फंसी पड़ी है। पुलिस ने 14 जनवरी 2016 को पुलिस ने कुमार और अन्य के खिलाफ अदालत में एक आरोप पत्र दायर करते हुए कहा था कि कुमार 9 फरवरी 2016 को एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगाने वाले एक जुलूस का समर्थन कर रहे थे।
यह भी पढ़ें- NAMO TV पर चुनाव आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मांगा जवाब, AAP ने की थी शिकायत