CPI ने कन्हैया कुमार को बनाया राष्ट्रीय काउंसिल का सदस्य, वरिष्ठ नेताओं की छुट्टी
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नई दिल्ली। एस सुधाकर रेड्डी को तीसरी बार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का महासचिव चुना गया है। रविवार को कोल्लम में पार्टी की 23वीं बैठक में रेड्डी को पार्टी का महासचिव चुना गया। वहीं जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को पार्टी ने राष्ट्रीय काउंसिल में बतौर 125 सदस्य के रूप में चुना है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सी दिवाकरन, सत्यन मोकेरी, सीएन चंद्रन और कमला सदानंदन को पार्टी ने राष्ट्रीय काउंसिल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
वरिष्ठ नेताओं ने जताई नाराजगी
सीपीआई की राष्ट्रीय काउंसिल से बाहर किए जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए दिवाकरन ने कहा कि पार्टी में मेरा कोई गॉडफादर नहीं है, मैं किसी के समर्थन से पार्टी में कोई पद हासिल नहीं करना चाहता हूं। पार्टी के राज्य सचिव कनम राजेंद्रन ने दिवाकरन को काउंसिल से बाहर किए जाने वाले फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि नई काउंसिल का गठन सर्वसम्मति से किया गया है। पार्टी के संविधान के अनुसार काउंसिल में कम से कम 20 नए सदस्य होने चाहिए। राजेंद्रन को पार्टी ने एक बार फिर से सचिव चुना गया है।
भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत
इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि लेफ्ट सेक्युलर फ्रंट का गठन भाजपा को हराने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों को लागू किया जिसने देश की आम जनता को लूटा है। मोदी सरकार ने देश के लोकतांत्रिक व सेक्युलर मुल्यों को बर्बाद कर दिया है। लिहाजा इस सरकार के खिलाफ हमे एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है।
2019 में लड़ सकते हैं चुनाव
कयास लगाए जा रहे हैं कि कन्हैया कुमार 2019 के लोकसभा चुनाव में मैदान में उतर सकते हैं। वह भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार में भी सीपीआई के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। एक कार्यक्रम के दौरान कन्हैया ने कहा था कि कहना है कि बिहार में अगर राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल महागठबंधन की स्थिति में उन्हें उम्मीदवार बनाते हैं तो वो चुनाव लड़ेंगे। कन्हैया का कहना है कि वो व्यक्ति विशेष की राजनीति में विश्वास नहीं रखते और जब भी चुनाव लड़ेंगे मुख्यधारा से जुड़े दल के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ना चाहेंगे।
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