JNU Fee Hike: दिल्ली HC ने कहा- पुराने मैनुअल के अनुसार छात्र 1 हफ्ते में कराएं रजिस्ट्रेशन
नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के हॉस्टल मैन्युअल में संशोधन करने के इंटर हॉस्टल एडमिनिस्ट्रेशन (आईएचए) के निर्णय के खिलाफ दायर याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई की। जेएनयू छात्रसंघ की हॉस्टल मैन्युअल के खिलाफ याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्रों को अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने कहा कि बचे हुए 10 फीसदी छात्रों को 1 हफ्ते के अंदर रजिस्ट्रेशन करना होगा, इसके लिए कोई लेट फीस नहीं लगेगी। कोर्ट मामले पर अगली सुनवाई अब 28 जनवरी को करेगी।
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गौरतलब है कि जेएनयू हॉस्टल और छात्र शुल्क बढ़ने को लेकर स्टूडेंट्स ने काफी हंगामा किया था। करीब दो महीने से छात्रों और सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर विवाद चल रहा है। इसी सिलसिले में जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष और छात्र संघ के अन्य पदाधिकारियों ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में पिछले साल 28 अक्टूबर को जारी आईएचए की कार्यवाही के विवरण और 24 नवंबर को गठित उच्च स्तरीय समिति के अधिकार क्षेत्र और उसकी सिफारिशों पर सवाल उठाए गए हैं।
वकील
ने
की
ये
मांग
दिल्ली
हाई
कोर्ट
ने
शुक्रवार
को
इस
मामले
पर
सुनवाई
करते
हुए
छात्रों
को
रजिस्ट्रेशन
कराने
के
लिए
एक
हफ्ते
का
समय
दिया
है।
कोर्ट
ने
कहा
कि
बचे
हुए
छात्र
पुराने
मैनुअल
के
अनुसार
एक
सप्ताह
के
भीतर
पंजीकरण
करा
लें।
कोर्ट
ने
बताया
कि
अब
इस
मामले
की
अगली
सुनवाई
28
जनवरी
को
की
जाएगी।
बता
दें
कि
याचिका
में
छात्रों
के
वकील
अभिक
चिमनी
ने
हॉस्टल
मैनुअल
को
रद्द
करने
की
मांग
की
है
और
आईएचए
के
फैसले
को
दुर्भावनापूर्ण,
मनमाना,
अवैध
और
छात्रों
पर
प्रतिकूल
प्रभाव
डालने
वाला
बताया
गया
है
।
हाई
कोर्ट
में
दायर
याचिका
में
दावा
किया
गया
है
कि
आईएचए
के
छात्रावास
मैनुअल
में
संशोधन
जेएनयू
कानून,
1966
,
अध्यादेश
और
हॉस्टल
मैनुअल
के
प्रावधानों
के
विपरीत
है
।