जेएनयू का डीएनए भारत विरोधी, इसे सुधारा जाए या बंद किया जाए: संघ विचारक गुरुमूर्ति
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के डीएनए में ही भारत का विरोध करना शामिल है। ऐसे में या तो जेएनयू में सुधार के लिए काम किया जाए और ऐसा नहीं हो सकता को तुरंत इस विश्वविद्यालय को बंद कर दिया जाए। बुधवार को चेन्नई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए गुरुमूर्ति ने ये बात कही है।
देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में शुमार जेयून जेएनयू के कैंपस में 5 जनवरी को कुछ नकाबपोश लोग घुस गए थे। इन लोगों ने तोड़फोड़ की थी और छात्रों पर हमला किया था। इसी हिंसा के संदर्भ में गुरुमूर्ति ने ये बातें कही हैं।
गुरुमूर्ति ने कहा, जेएनयू के बनने की पृष्ठभूमि ही भारत विरोधी रही है। यह देश की विरासत, परंपरा, आध्यात्मिकता और मूल्यों के विरोधियों को जन्म देती है। 1969 में जब कांग्रेस में विभाजन हुआ था तब वामपंथियों ने इंदिरा गांधी को समर्थन किया था। इसके लिए उसने शिक्षा विभाग देने की मांग रखी और नूर हसन को शिक्षा मंत्री बनाया गया। जेएनयू की स्थापना के पीछे उनका ही दिमाग था कि इसे किस प्रकार चलाया जाए और किस प्रकार की विचारधारा को स्थान दिया जाए।
आरएसएस विचारक ने कहा कि जेएनयू में सुधार की बहुत ज्यादा जरूरत है क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब वहां हिंसा हुई हो। जेएनयू में पहले भी सरकार के खिलाफ आवाजें उठी हैं और हिंसा हुई है। 1982 में कांग्रेस की सरकार के दौरान हिंसा हुई थी। तब 43 दिनों के लिए यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया था।
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