J&K: बीजेपी नेता की हत्या में शामिल था लश्कर का 'हाइब्रिड ग्रुप', पुलिस को CCTV में मिले अहम सुराग
श्रीनगर। भाजपा नेता शेख वसीम बारी और उनके दो परिवार के सदस्यों के मारे जाने के कुछ घंटों बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस को अहम सबूत मिले हैं। जिनसे इस घटना में आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस सीसीटीवी फुटेज को हासिल किया है। जिसमें भाजपा नेता और उनके दो परिवार के सदस्यों को मारने से पहले आतंकवादी के मूवमेंट दिख रहा है। आईजी कश्मीर जोन विजय कुमार ने कहा कि, सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद यह वारदात पूर्व सुनियोजित हमले की तरह लग रही है।
पुलिस को मिली मौके की सीसीटीवी फुटेज
विजय कुमार ने कहा कि, पुलिस स्टेशन के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे और घटनास्थल के पास लगे एक अन्य सीसीटीवी की फुटेज की हमने जांच की है। इसमें हमलावर आतंकी साफ नजर आ रहे है। एक आतंकी स्थानीय है जिसका नाम आबिद है जबकि दूसरा पाकिस्तानी है। आबिद ने दुकान में मौजूद वसीम, उनके भाई उमर सुल्तान और पिता बशीर शेख पर नजदीक से गोली चलायी। पाकिस्तानी आतंकी दुकान के बाहर मौजूद रहा है। वारदात के बाद दोनों आतंकी वहां से फरार हो गए।
हत्या में लश्कर का हाईब्रिड ग्रुप शामिल था
पुलिस मामले के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए फुटेज को स्कैन कर रही है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आतंकियों की सर्च शुरू होगी। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस ने फोटो निकाली हैं। जो बीजेपी और उसके परिजनों की हत्या के लिए जिम्मेदार है। इस सीसीटीवी फुटेज में एक गंजा आदमी दिख रहा है। जो हमले से पहले उस दुकान से आराम से जाता दिख रहा है। डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि यह "एक हाइब्रिड ग्रुप की करतूत" है।
हत्या की योजना बनाई गई थी: पुलिस
सिंह का मानना है कि हत्या की योजना बनाई गई थी और हमला बांदीपोरा पुलिस स्टेशन की निकटता को ध्यान में रखते हुए किया गया था। जहां यह घटना हुई है, वहां से पुलिस स्टेशन 50 फीट की दूरी पर है। खुफिया एजेंसियों के सूत्रों ने कहा कि हत्या में पहले जैश-ए-मोहम्मद पर संदेह था लेकिन बाद में लश्कर के शामिल होने की पुष्टि हुई। लश्कर ने हत्या में हाइब्रिड ग्रुप का इस्तेमाल किया। हाइब्रिड ग्रुप मॉड्यूल में, आतंकवादी गुट एक आतंकवादी समूह से दूसरे में जाते हैं।
हत्या से पहले आतंकियों ने की थी दुकान और मकान की रैकी
आइजीपी ने बताया कि वसीम बारी और उनके परिजनों की हिफाजत के लिए 10 पुलिसकर्मी तैनात थे।उन्हें हिरासत में लिया गया है। ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण इन सभी को निलंबित किया गया है। इनसे पूछताछ भी की जा रही है। वारदात से कुछ समय पहले ही वसीम बारी अपनी ससुराल से लौटा था। उसके अंगरक्षक घर के भीतर चले गए। वसीम सीधा दुकान पर आया,जहां उसके भाई और पिता बैठे हुए थे। इसी दौरान आतंकी भी वहां पहुंच गए। यह हमला अचानक नहीं किया गया है। आतंकियों ने पहले पूरी तरह उनकी दुकान और मकान की रैकी की है। उन्हें अच्छी तरह पता था कि भाजपा नेता कब और कहां आ जा रहे हैं।