धारा 370 पर बोले जितेंद्र सिंह- काग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस ने राजनीतिक फायदे के लिए किया दुरुपयोग
श्रीनगर: केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता जितेंद्र सिंह ने रविवार को कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर हमला बोला। उन्होंने दोनों पार्टियों पर आरोप लगाया कि धारा 370 के नाम पर पर इन्होंने कश्मीरियों को आरोपी बनाया है। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पार्टियों ने अपने राजनातिक फायदे के लिए बहाने के तौर पर धारा 370 का इस्तेमाल किया। सिंह ने ये पार्टियां बीजेपी पर इसे खत्म करने का आरोप लगा रही है।
धारा 370 का कांग्रेस-एनसी ने किया सियासी इस्तेमाल
जितेंद्र सिंह ने कहा कि ये पार्टियां बीजेपी पर धारा 370 खत्म करने की कोशिश का आरोप लगा रही हैं, जबकि तथ्य ये है कि आजादी के बाद इन दोनों पार्टियों ने करीब 50 साल तक जम्मू-कश्मीर में शासन किया है। इन्होंने अपने शासनकाल के दौरान भारतीय संविधानों के सभी प्रावधानों को राज्य में विस्तारित किया। उन्होंने आगे कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक शेख अब्दुल्ला पर पलटवार करते हुए कहा कि वो आर्टिकल 370 को तब क्यों भूल गए, जब उन्होंने विधानसभा कार्यकाल को 6 साल तक बढ़ाने के लिए आपातकाल के दौरान के 42 वें और 43 वें संवैधानिक संशोधनों को तुरंत स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा कि और इसके सिर्फ तीन साल बाद धारा 370 का ढाल की तरह इस्तेमाल करते हुए अपने कार्यकाल को पांच साल बहाल करने की मांग की।
फारूक अब्दुल्ला पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला ने सबसे पहले आतंकवाद विरोधी कानून पोटा को अपनाया। लेकिन लेकिन अब वह 1953 से पूर्व की स्थिति में वापस लौटने और सभी केंद्रीय कानूनों को उलटने की बात करते हैं। कश्मीर केंद्रित पार्टियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी जैसी पार्टियों ने सामान्य स्थिति की बहाली पर अस्थिरिता का आरोप लगाया। सिंह ने कहा कि इन दलों ने उग्रवाद के माहौल से लाभ उठाया है और 10 प्रतिशत मतदाताओं के साथ चुनाव जीते हैं।
मोदी सरकार कर रही है कार्रवाई
जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने हवाला के लेनेदेन, घोटालों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के बैंकों से संबंधित घोटालों पर कार्रवाई की जा रही है। इन मामलों के संबंध में बड़े नाम सामने आने वाले हैं। वे उसको लेकर व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि एनसी, पीडीपी औकर अन्य इसलिए शोर कर रहे हैं क्योंकि वे महसूस कर सकते हैं कि वे लोगों के जनादेश को खो रहे हैं। वो डरे हैं कि अगर स्थिति चेंज होगी तो वो पिछले 30-40 साल से निर्मित अपनी ताकत को खो देंगे।
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