एनडीए के ये नेता लालू के साथ जाने की तैयारी में हैं, गुजरात चुनाव के बाद ऐलान संभव
बिहार में सत्ता की उखाड़ दी गई जमीन को वापस पाने को लालू प्रसाद अब कोई भी फैसला लेने को तैयार रहते हैं।
नई दिल्ली। गुजरात चुनाव के बाद एनडीए को बड़ा झटका बिहार में लग सकता है। महागठबंधन का साथ छोड़कर बिहार के सीएम नीतीश कुमार तो एनडीए के संग हो लिए हैं। इसी बीच खबर है कि एनडीए का एक बड़े नेता लालू यादव से दोस्ती पर विचार कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव की जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर बिहार में उनके बेटे तेजप्रताप के विवादित और उटपटांग बयान सामने आया तो दूसरी तरफ एनडीए के साथी और हम पार्टी के जीतन राम मांझी ने भी लालू की सुरक्षा हटाए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सुरक्षा हटाए जाने से जहां लालू पुत्र तेजप्रताप का पारा चढा हुआ है तो जीतन राम मांझी भी खासे गुस्से में हैं। मांझी ने गुस्से में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अगर उनकी हत्या हुई तो जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी।
बिहार में सत्ता की उखाड़ दी गई जमीन को वापस पाने को लालू प्रसाद अब कोई भी फैसला लेने को तैयार रहते हैं। अभी नीतीश कुमार उनके दुश्मन नंबर-1 हैं। नीतीश कुमार और भाजपा से कोई भी उदास होता है, तो लालू प्रसाद वेलकम के लिए तैयार दिखते हैं। बात उपेन्द्र कुशवाहा की हो या फिर जीतन राम मांझी की। लेकिन, सभी गुजरात चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं । खबर है कि जीतन राम मांझी काफी नाराज चल रहे हैं। वो मौका पाते ही लालू यादव के साथ जा सकते हैं।
बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी बहुत घुटन में हैं । जेड प्लस सिक्योरिटी की वापसी के बाद तो अपमानित भी महसूस करने लगे हैं। एनडीए में उनका तनिक भी मन नहीं लग रहा है। जीतन राम मांझी की तरह एनडीए के बड़े नेता भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि इनके साथ करें तो क्या और कैसे करें। मांझी की राजनीतिक जमीन में खाद-पानी के बाद फसल कितनी पैदा होगी, ठीक से कोई भी हिसाब नहीं लगा पाता है । रामविलास पासवान किसी कीमत पर दलित पालिटिक्स में मांझी को भाव देने को तैयार नहीं होते हैं । खुद मांझी भी अपने निर्णय पर लंबे समय तक स्टैंड नहीं कर पाते हैं।
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