मोदी बुजुर्ग हो गए हैं, बोर भाषण देते हैं: जिग्नेश मेवाणी
नई दिल्ली। गुजरात के चुनाव में जिस तरह से पाटीदार आंदोलन, ओबीसी के मुद्दों ने अहम भूमिका निभाई, उसने भाजपा को प्रदेश में काफी हद तक नुकसान पहुंचाया। ओबीसी नेता जिग्नेश मेवाणी ने वडगांव से चुनाव जीतने के बाद तमाम न्यूज चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बोरिंग नेता बताया है। यही नहीं पीएम मोदी की बुजुर्ग नेता बताते हुए मेवाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री को अब अपनी हड्डियां गलाने के लिए पहाड़ पर चले जाना चाहिए।
मोदी बोरिंग आदमी हैं
एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि मोदी बोरिंग हैं, युवा लोग मोदी की जगह अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और कन्हैया जैसे नेता चाहते हैं। मोदी के भाषण में अब कोई विषय नहीं बचा है, वह काफी बोरिंग हैं उन्हें अब पहाड़ पर अपनी हड्डी गलाने के लिए चले जाना चाहिए। मेवाणी ने कहा कि मोदी बुजुर्ग आदमी हैं और बार-बार एक ही बोरिंग भाषण देते हैं, उनके भाषण में कोई मुद्दा नहीं है, अब उन्हें आराम करना चाहिए और सन्यास ले लेना चाहिए। हमने उन्हें विकास के मुद्दे पर जवाब दिया है नाकि जाति के मुद्दे पर। जब हम तीनों ( हार्दिक, अल्पेश) रोजगार के बारे में बात करते हैं तो दो करोड़ लोगों की बात करते हैं जोकि बेरोजगार हैं, हम दलित और पटेल का जिक्र नहीं करते हैं।
उना को दलित कभी नहीं भूलेंगे
मेवाणी से जब पूछा गया कि क्या आप 2019 में भी पीएम मोदी को चुनौती देंगे तो उन्होंने कहा कि 18 फीसदी दलित आबादी भाजपा के खिलाफ वोट करेगी। उन्होंने कहा कि दलित वोट बिल्कुल भी नहीं बंटा है, दलितों ने भाजपा के समर्थन में वोट नहीं किया है, उनका गुस्सा एक बार फिर से 2019 में भाजपा के खिलाफ दिखेगा। उना की घटना पर जिग्नेश ने कहा कि दलित इस घटना को कभी नहीं भूलेंगे।
गुजरात में हमारी नैतिक जीत
गुजरात में कांग्रेस की हार के बाद भी मेवाणी ने इस नैतिक जीत करार देते हुए कहा कि सच ये है कि भाजपा की जीत का नंबर अब दहाई के आंकडे़ पर पहुंच गया है, दावा किया जा रहा था कि पार्टी 150 सीटें जीतेगी, लेकिन उसे 99 सीट ही मिली, यह हमारे लिए नैतिक जीत है। गौरतलब है कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी को लगातार छठी बार जीत मिली और भाजपा को यहां 182 में से 99 सीटों पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस के खाते में यहां 80 सीटें आई। जबकि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 68 में से 44 सीटों पर जीत मिली और कांग्रेस सिर्फ 22 सीटों पर समिट गई। इस जीत के साथ ही कांग्रेस देश में अब सिर्फ चार राज्यों तक सिमट कर रह गई है, कांग्रेस की अब कुल चार राज्यों में ही सरकार है।
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