जिगिशा घोष हत्याकांड: हाईकोर्ट ने दो दोषियों की फांसी की सजा उम्रकैद में बदली
जिगिशा की हत्या की पूछताछ के दौरान तीनों ने दो और हत्याओं की बात मानी थी, जिनमें 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या का मामला भी शामिल था।
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को चर्चित जिगिशा घोष हत्याकांड के दो दोषियों रवि कपूर और अमित शुक्ला की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने मामले के तीसरे दोषी बलजीत मलिक की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। निचली अदालत ने रवि और अमित को हत्याकांड में दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा दी गई थी। जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस आई एस मेहता की खंडपीठ ने दोषियों द्वारा निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। इससे पहले अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
कोर्ट ने दोषियों का व्यवहार जानने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की थी
आपको बता दें कि अगस्त 2017 में साकेत जिला अदालत ने जिगिशा घोष की हत्या के जुर्म में रवि कपूर और अमित शुक्ला को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जबकि उनके साथी बलजीत मलिक को उम्रकैद दी गई थी। अदालत ने मामले में सजा सुनाने से पहले जेल में तीनों दोषियों का व्यवहार जानने के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कि जेल में रवि कपूर और अमित शुक्ला का बर्ताव अच्छा नहीं था, लेकिन बलजीत मलिक के बारे में कहा गया था कि उसके सुधरने की गुंजाइश है। जिसके बाद अदालत ने इस अपराध और जेल में बुरे बर्ताव को देखते हुए कोर्ट ने रवि कपूर और अमित शुक्ला को फांसी की सजा सुनाई थी।
तीनों ने अपना जूर्म स्वीकार किया था
जिगिशा की हत्या की पूछताछ के दौरान तीनों ने दो और हत्याओं की बात मानी थी, जिनमें 2008 में टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या का मामला भी शामिल था। बता दें कि नोएडा की एक आईटी कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर रही 28 साल की जिगिशा का तीनों दोषियों ने 18 मार्च 2009 की रात अगवा कर लिया था, जब वह अपने दफ्तर की कैब से घर के बाहर उतरी थी।
गला घोंटकर कर हत्या की गई थी
तीनों आरोपी जिगिशा को अपनी कार से दिल्ली में कई जगह ले गए. दोषियों ने उसके एटीएम कार्ड से पैसे निकाले और उसका मोबाइल और गहने छीनने के बाद उसकी गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। इन लोगों ने हत्या के बाद जिगिशा का शव सूरजकुंड में फेंक दिया था।
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