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झारखंड रिजल्ट: पिता जेल में और मां तड़ीपार, बेटी बन गई सबसे युवा विधायक

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नई दिल्ली- झारखंड विधानसभा चुनाव में इसबार झामुमो के साथ गठबंधन करके कांग्रेस ने अपना प्रदर्शन बहुत ही बेहतर कर लिया है। राज्य में इसबार कांग्रेस के जो 16 विधायक बने हैं, उनमें रामगढ़ जिले की बड़कागांव सीट से चुनाव जीतने वाली अंबा प्रसाद भी शामिल हैं। इस वक्त कई कारणों से अंबा प्रसाद का नाम बहुत ही चर्चित हो रहा है। सबसे पहले तो उन्होंने अपने माता-पिता की परंपरागत सीट पर ही परिवार और पार्टी की ओर से जीत की हैट्रिक लगाई है। लेकिन, इससे भी बड़ी बात ये है कि इस चुनाव में उन्हें अपने माता-पिता का सक्रिय सहयोग नहीं मिल पाया, क्योंकि उनके पिता जेल की सजा काट रहे हैं और मां को तड़ीपार किया जा चुका है।

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Jharkhand Election 2019: मां तड़ीपार-पिता जेल में लेकिन Barkagaon सीट पर Amba Prasad जीतीं |वनइंडिया
सबसे युवा विधायक हैं अंबा प्रसाद

सबसे युवा विधायक हैं अंबा प्रसाद

झारखंड की बड़कागांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाली 27 साल की अंबा प्रसाद इस बार के चुनाव में सबसे युवा प्रत्याशी भी थीं और जाहिर तौर पर चुनाव जीतने के बाद वह सबसे युवा विधायक भी बन गई हैं। बड़कागांव अंबा प्रसाद के परिवार की परंपरागत सीट रही है, जहां पिछली बार उनकी मां चुनी गई थीं और उससे पहले उनके पिता ने यहां का प्रतिनिधित्व किया था। इसबार के चुनाव में अंबा ने आजसू पार्टी के रौशन लाल चौधरी को 31 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया है।

अंबा के पिता मंत्री भी रह चुके हैं

अंबा के पिता मंत्री भी रह चुके हैं

बड़कागांव सीट पर 2014 के चुनाव में अंबा प्रसाद की मां निर्मला देवी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। जबकि, 2009 में यहीं से उनके पिता योगेंद्र साव विजयी रहे थे और तब राज्य सरकार में कृषि मंत्री बनाए गए थे। इस सीट पर पहले पिता, फिर मां और अब खुद की जीत से साफ है कि यहां अंबा प्रसाद के परिवार का दबदबा रहा है। इस बार के चुनाव में अंबा के लिए एक बात खास रही कि विरोधी पार्टियां उनकी पार्टी और उनके माता-पिता को तो निशाना बना रही थीं, लेकिन खुद इनके खिलाफ बोलने के लिए उनके पास कुछ खास नहीं था।

इलाके में अंबा ने कैसे बनाई अपनी पहचान?

इलाके में अंबा ने कैसे बनाई अपनी पहचान?

अंबा प्रसाद के पिता और राज्य के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव अभी जेल में हैं और मां निर्मला अदालत के आदेश से तड़ीपार हैं। बावजूद इसके इनका नाम क्षेत्र में तब सुर्खियों में आया जब इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए रैलियां और सभाएं कीं। यही नहीं कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में इन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी मां की प्रतिनिधि बनकर भी कांग्रेस के लिए चुनावी बैठकें आयोजित कीं।

जब यूपीएससी की तैयारी छोड़ अचानक लौटीं बड़कागांव

जब यूपीएससी की तैयारी छोड़ अचानक लौटीं बड़कागांव

बात 2014 की है। अंबा प्रसाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं। उसी दौरान उनके पिता की तबीयत अचानक बिगड़ गई। अपने पिता को देखने के लिए वह तैयारी छोड़कर दिल्ली से बड़कागांव लौटीं तो फिर कभी वापस नहीं हुईं। सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुटने से पहले उन्होंने बीबीए और एचआर में रांची से एमबीए की पढ़ाई की थी। वह लॉ की भी पढ़ाई कर चुकी हैं और उनके पास हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री है। इससे पहले उन्होंने स्कूली पढ़ाई हजारीबाग के माउंट कार्मेल स्कूल और 12वीं की पढ़ाई वहीं पर डीएवी स्कूल से की थी।

अंबा के पिता को क्यों हुई जेल?

अंबा के पिता को क्यों हुई जेल?

अंबा के पिता योगेंद्र साव की छवि इलाके में बाहुवली वाली रही है। जानकारी के मुताबिक उनपर लगभग 24 केस दर्ज हैं। वे रामगढ़ स्पंज आयरन फैक्ट्री से रंगदारी मांगने के दोषी पाए गए थे, जिसके चलते झारखंड हाई कोर्ट ने उन्हें सजा सुना दी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखा। यही नहीं, एक अक्टूबर, 2016 को बड़कागांव में कफन आंदोलन हुआ। लोगों की मांग थी कि एनटीपीसी ने जो जमीन उनसे ली है, उन्हें उसका बेहतर मुआवजा मिले। इस आंदोलन को हवा देने के लिए योगेंद्र और उनकी पत्नी निर्मला देवी भी गांव वालों के साथ उतरे थे और बाद में एनटीपीसी को मुआवजा बढ़ाना पड़ गया था।

अंबा की मां तड़ीपार क्यों?

अंबा की मां तड़ीपार क्यों?

कफन आंदोन के दौरान ही एक बार विवाद बहुत बढ़ गया था। इस दौरान विवाद बढ़ने पर वहां पुलिस फायरिंग भी हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इलाके में यह बड़कागांव गोलीकांड के नाम से चर्चित है। इसी मामले में पुलिस ने अंबा की मां निर्मला देवी को गिरफ्तार किया था, लेकिन लोगों ने उन्हें पुलिस की गिरफ्त से जबरन छुड़ा लिया। इसके बाद उन्हें इसलिए तड़ीपार कर दिया गया, ताकि वह मामले की सुनवाई के दौरान केस को किसी तरह से प्रभावित न कर सकें।

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English summary
The father of Amba Prasad, the youngest MLA of the state, who won the election on a Congress ticket from Barkagaon in Jharkhand, is in jail and mother Tadipar
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