फर्स्ट फेज के चुनाव से पहले ही कांग्रेस-झामुमो में खटपट, बिन मरांडी कैसा महागठबंधन ?
नई दिल्ली। बाबूलाल मरांडी से दोस्ती के लिए कांग्रेस दिलोजान से तलबगार है। मरांडी के अलग चुनाव लड़ने की घोषणा कांग्रेस में बेचैनी है। भाजपा विरोधी मतों के बिखराव की आशंका से सहमी कांग्रेस, बाबूलाल के मान मनौव्वल में कोई कसर नहीं छोड़ रही। बाबूलाल मरांडी को मनाने के लिए झारखंड कांग्रेस के प्रमुख रामेश्वर उरांव खुद उनके घर गये। मरांडी को गुजर-बसर के लायक नहीं बल्कि ज्यादा हिस्सा चाहिए। झारखंड के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल को ये बात भी गवारा नहीं कि वे हेमंत सोरेन को अपना नेता माने। कांग्रेस ने झामुमो से भी उदारता दिखाने की गुजारिश की है ताकि बात बन सके। इस बीच झामुमो ने एलान कर दिया है कि वह 8 नवम्बर को पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची जारी करेगा। झामुमो के इस एकतरफा रवैये से कांग्रेस नाराज हो गयी है। पहले तय था कि फर्स्ट फेज के उम्मीदवारों की घोषणा मिलकर की जाएगी। अब कांग्रेस ने भी महागठबंधन की बजाय अपने घर की चिंता शुरू कर दी है। चुनाव घोषणा के पहले कांग्रेस, हेमंत सोरेन के लीडरशिप पर सवाल उठाती रही है। अब उसने हेमंत को नेता मान तो लिया है लेकिन मन की शंकाएं दूर नहीं हुई हैं।
सभी सीटिंग MLA को टिकट
कांग्रेस, झामुमो और राजद के साथ चुनाव लड़ने को रजामंद है। लेकिन सफर अभी लंबा है। वार्ता की मेज पर अगर चाय के प्यालों में तूफान उठ जाए तो कोई हैरानी नहीं। फिलहाल कांग्रेस ने अपनी बैटिंग को मजबूत करने पर फोकस किया है। मंगलवार को कांग्रेस चुनाव प्रभारी आरपीएन सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलाम के साथ बैठक की। भावी प्रत्याशियों की सूची पर विचार करने के लिए बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक होनी है। कांग्रेस के बरही विधायक मनोज यादव और लोहरदगा विधायक सुखदेव भगत भाजपा में चले गये हैं। इन दोनों सीटों के लिए नये नामों पर विचार हो रहा है। बाकि बचे छह विधायकों को फिर मौका देने पर सहमति बन गयी है।
दिग्गज उतरेंगे अखाड़े में
कांग्रेस ने अपनी बैटिंग लाइनअप को मजबूत करने के लिए अनुभवी और दिग्गज बल्लेबाजों को पिच पर उतारने का फैसला लिया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय, पूर्व सांसद ददई दूबे, फुरकान अंसारी, सरफराज अहमद, प्रदीप कुमार बलमुचू, राजेन्द्र सिंह इस विधानसभा चुनाव में अपना जौहर दिखाएंगे। सुबोध कांत सहाय को हटिया से, ददई दूबे को विश्रामपुर से, फुरकान अंसारी को महागामा से, प्रदीप बालमुचू को घाटशिला से, सरफराज अहमद को गांडेय से चुनाव लड़ाये जाने की संभवना है। प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव को लोहरदगा से अखाड़े में उतारने की योजना है। वैसे सेंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी अंतिम रूप से सभी प्रत्याशियों के नाम का एलान करेगी।
पसंदीदा सीट को लेकर फंस सकता है पेंच
अगर सुबोधकांत सहाय को हटिया से कांग्रेस का टिकट मिलता है तो झामुमो एतराज कर सका है। 2014 के चुनाव में हटिया सीट पर झामुमो का उम्मीदवार कांग्रेस से बेहतर स्थिति में था। घाटशिला और गांडेय सीट पर भी कांग्रेस के मुकाबले झामुमो का प्रदर्शन बेहतर था। इन सीटों को लेकर कांग्रेस और झामुमो में विवाद हो सकता है। 2014 के चुनाव में घाटशिला सीट पर झामुमो के रामदास सोरेन दूसरे नम्बर थे। कांग्रेस ने यहां से प्रदीप बलमुचू की पुत्री सिंड्रेला बलमुचू को टिकट दिया था जो तीसरे स्थान पर रही थीं। 2019 में यहां से प्रदीप बलमुचू के खुद चुनाव लड़ने की बात हो रही है। दूसरे नम्बर पर रहने वाले झामुमो का भी इस सीट पर दावा है। अब देखना है कि इन सीटों की उलझन कैसे सुलझती है।
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