हवाई चप्पल वालों को हेमंत सोरेन ने कराया हवाई सफर, लेह से रांची पहुंचने पर खुद किया स्वागत
रांची। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते लेह में फंसे दुमा के 60 प्रवासी मजदूर शुक्रवार की शाम फ्लाइट से रांची पहुंचे। मजदूरों के रांची पहुंचने की सूचना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद बिरसा मुंडा एयरपोर्ट गए और उनका स्वागत किया। उन्होंने मजदूरों का हाल जाना और उनके लिए उपलब्ध कराए गए खाने की गुणवत्ता की जांच भी की। गौरतलब है कि सभी 60 मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग कर उन्हें लेह एयरपोर्ट से स्पाइस जेट की फ्लाइट से दोपहर दो बजे दिल्ली लाया गया। यहां से वे फिर से इंडिगो की फ्लाइट के जरिए रांची पहुंचे।
मजदूरों के रांची पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया और लिखा- जोहार झारखण्ड! यह खुशी का पल है। लेह जैसे दूरस्थ क्षेत्र से मेरे झारखंडी भाई लॉकडाउन के बाद हवाई मार्ग से अपने राज्य वापस आये हैं। सभी को मेरा जोहार एवं धन्यवाद। उन्होंने कहा कि अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को विधिवत तरीके से लाने का सिलसिला शुरू हो चुका है और अब अंडमान में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को भी हवाई मार्ग से झारखंड लाने की पहल की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जिन इलाकों में ट्रेन व और अन्य साधानों के विकल्प सीमित हैं वहां से प्रवासी मजदूरों को जहाज से लाया जाएगा। इस सिलसिले में राज्य के अधिकारी केंद्र सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को विमान से लाने के लिए लगातार प्रयासरत थी। इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अनुमति देने के लिए कई बार पत्र लिखा गया था। उन्होंने यह भी बताया कि झारखंड देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने सबसे पहले विमान से मजदूरों को वापस लाने की मांग केंद्र सरकार से की थी।