झारखंड: हेमंत सोरेन सरकार को बड़ा झटका, झारखंड विकास मोर्चा ने अपना समर्थन वापस लिया
नई दिल्ली। झारखंड में झामुमो की अगुवाई वाली सरकार को बड़ा झटका लगा है। झारखंड विकास मोर्चा ने प्रदेश सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। पार्टी के नेता अभय सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी ने हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली झारखंड सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस उनकी पार्टी के विधायकों को खुलेआम तोड़ने की कोशिश कर रही है। पार्टी के केंद्रीय महासचिव सरोज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की जानकारी दी।
सरोज सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी ने हेमंत सोरेन सरकार से तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस ले लिया है। गौरतलब है कि झारंखड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं। जिसमे झारखंड विकास मोर्चा के कुल तीन विधायक हैं। पार्टी के विधायक बंधू तिर्की को दो दिन पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया था। ऐसे में अब पार्टी के सिर्फ दो विधायक बचे हैं। इससे पहले पार्टी के विधायक दल के नेता प्रदीप यादव और बंधू तिर्की ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसके बाद पार्टी ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए यादव को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है।
बाबूलाल मरांडी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा गया है जिसमे कहा गया है कि हमारी पार्टी ने 24 दिसंबर को आपके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को अपना समर्थन दिया था और यह समर्थन बिना किसी शर्त के था। लेकिन यूपीए गठबंधन में शामिल हमारे विधायकों को ही कांग्रेस पार्टी तोड़ने के लिए प्रयासरत है। इस तरह की खबरें मीडिया में आई हैं। ऐसे माहौल में हम यूपीए की गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेते हैं। गौरतलब है कि 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायकों और कांग्रेस के 16 व आरजेडी के एक विधायक ने जीत दर्ज की थी। प्रदेश में बहुमत के लिए कुल 41 विधायकों की जरूरत है। हालांकि झारखंड विकास मोर्चा के समर्थन वापस लेने से सोरेन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इसे भी पढ़ें- सपा विधायक नाहिद हसन की जमानत याचिका खारिज, 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए जेल