जिस सीट पर कभी जीती थीं प्रियंका चोपड़ा की नानी अब उस पर है रघुवर का कब्जा
रांची।
झारखंड
विधानसभा
चुनाव
में
जमशेदपुर
पूर्वी
सीट
की
चर्चा
इसलिए
है
क्यों
कि
यहां
से
मुख्यमंत्री
रघुवर
दास
चुनाव
लड़
रहे
हैं।
वे
इस
सीट
से
लगातार
तीन
चुनाव
जीत
चुके
हैं।
जमशेदपुर
पूर्वी
विधानसभा
क्षेत्र
एक
कारण
से
भी
मशहूर
है।
हॉलीवुड
और
बॉलीवुड
की
चर्चित
अभिनेत्री
प्रियंका
चोपड़ा
की
नानी
इस
सीट
से
पहली
महिला
विधायक
रही
हैं।
प्रियंका
की
नानी
मधु
ज्योत्सना
अखौरी
ने
1967
के
बिहार
विधानसभा
चुनाव
में
कांग्रेस
के
टिकट
पर
यहां
से
चुनाव
जीता
था।
उन्होंने
सीपीएम
के
एन
बनर्जी
को
करीब
आठ
हजार
मतों
के
अंतर
से
हराया
था।
प्रियंका
के
नाना
डॉ.
एम
के
अखौरी
जमशेदपुर
जिला
कांग्रेस
के
अध्यक्ष
थे।
मधु
ज्योत्सना
ने
1962
में
भी
इस
सीट
से
चुनाव
लड़ा
था
लेकिन
सीपीआइ
के
रामावतार
सिंह
से
हार
गयीं
थीं।
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विधायक रहीं नानी को प्रियंका से बहुत लगाव था
मधु ज्योत्सना अखौरी ने अपनी बड़ी बेटी का नाम भी मधु रखा था। मधु मालती की शादी आर्मी के डॉक्टर अशोक चोपड़ा के साथ हुई थी। अशोक चोपड़ा उस समय जमशेदपुर में ही पोस्टेड थे। प्रियंका चोपड़ा का जन्म जमशेदपुर के टाटा मेन हॉस्पिटल में हुआ था। प्रियंका अपनी नानी मधु ज्योत्सना के बहुत करीब थीं। मधु ज्योत्सना को अपनी नतिनी की फिल्मी कामयाबी पर बहुत फक्र था। वे अक्सर प्रियंका की फिल्मों की शूटिंग देखने मुम्बई पहुंच जाया करती थीं। फिल्म ‘जय गंगाजल' की शूटिंग उन्होंने व्हील चेयर पर बैठ कर देखी थी। मधु ज्योत्सना अखौरी ने 2016 में 94 साल की उम्र में अपनी आखिरी सांस मुम्बई में ही ली थी। प्रियंका चोपड़ा ने जब फिल्मों बहुत नाम कमा लिया था तो उन्होंने अपने नाना मनोहर कृष्ण अखौरी को एक कार उपहार में दी थी। डॉ. अखौरी आखिरी समय तक इस कार से ही कहीं आते जाते थे और बड़े गर्व से बताते थे कि ये कार प्रियंका ने उपहार में दी है।
1969 में हार गय़ीं थी प्रियंका की नानी
मधु ज्योत्सना अखौरी के पति डॉ. मनोहर कृष्ण अखौरी जमशेदपुर के जाने माने डॉक्टर थे। वे राजनीति में भी रुचि रखते थे और कांग्रेस में उनका बहुत प्रभाव था। उनकी चार बेटियों में मधु मालती सबसे बड़ी हैं। तीन अन्य बेटियां लीला मालती, चंद्र मालती और किरण मालती भारत की अन्य़ शहरों में रहती हैं। मधु ज्योत्सना जब बीमार थीं तब वे अपनी बेटी मधु और नतिनी प्रियंका के साथ मुम्बई में ही रहती थीं। विधायक के रूप में मधु ज्योत्सना का कार्यकाल बहुत लंबा नहीं रहा। अस्थिर मिलीजुली सरकारों के पतन से 1969 में मध्यावधि चुनाव कराना पड़ा था। 1969 के मध्यवाधि चुनाव में कांग्रेस की सीटिंग विधायक मधु ज्योत्सना अखौरी को सीपीआइ के केदार दास ने हरा दिया था। प्रियंका की नानी करीब 16 हजार मतों से चुनाव हारी थीं। राजनीति से अलग होने के बाद वे समाजसेवा में सक्रिय रहीं। उस जमाने में गरीब बच्चों को भोजन के साथ पढ़ाने का अनोखा विचार उनके दिमाग में आया था। उन्होंने आदित्यपुर के अपने मकान में ये स्कूल खोला था जो आज भी चल रहा है। वे ट्रेड यूनियन से जुड़ी थीं इसलिए मजदूर परिवारों की बेहतरी के हमेशा सक्रिय रहीं।
रघुवर की हैट्रिक
झारखंड निर्माण के बाद अब तक हुए तीन चुनावों मे जमशेदपुर पूर्वी सीट पर भाजपा के रघुवर दास ने लगातार जीत हासिल की है। अगर बिहार-झारखंड की संयुक्त चुनावी कामयाबी की बात करें तो रघुवर दास ने यहां 1995 से लगातार पांच विधानसभा चुनाव जीते हैं। वे झारखंड के सबसे मजबूत नेताओं में एक है। वे ही पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिसने झारखंड में अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। पहले इस सीट पर कांग्रेस और सीपीएम का प्रभाव था। सीपीएम के केदार दास ने 1996 और 1972 का चुनाव यहां जीती था। 1977 में पहली बार जनसंघ के दीनानाथ पांडेय ने इस सीट पर भगवा पताका फहरायी थी। 2019 में मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार छठी जीत के लिए मैदान में उतरे हैं।