झारखंड में मोदी का जेएमएम-कांग्रेस पर निशाना, यहां पिछले दरवाजे से बना ली जाती थीं सरकारें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को झारखंड में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस और जेएमएम पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि 2014 में भाजपा की सरकार बनने से पहले यहां जो जेएमएम और कांग्रेस ने सिर्फ अपना पेट भरा ना कि प्रदेश के लिए कुछ किया। मोदी ने नक्सलवाद के लिए इन्हीं पार्टियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, झारखंड में नक्सलवाद की ये समस्या इसलिए भी बेकाबू हुई क्योंकि यहां राजनीतिक अस्थिरता थी। यहां सरकारें पिछले दरवाजे से बनती और बिगाड़ी जाती थीं। ऐसे इसलिए क्योंकि उनके मूल में स्वार्थ और करप्शन होता था।
भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी ने पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में डाल्टनगंज में रैली करते हुए कहा, बीजेपी सरकार ने नए झारखंड के लिए सामाजिक न्याय के पांच सूत्रों पर काम किया है। पहला सूत्र है- स्थिरता, दूसरा- सुशासन, तीसरा- समृद्धि, चौथा- सम्मान और पांचवां- सुरक्षा।
विपक्षी दलों के लिए मोदी ने कहा, इन स्वार्थी लोगों में झारखंड की सेवा करने के लिए कोई भावना नहीं है। इन स्वार्थी लोगों के गठबंधन का एकमात्र अजेंडा सत्ताभोग और झारखंड के संसाधनों का दुरुपयोग है। इसीलिए ये एक बार फिर आपको भ्रमित कर आपसे वोट मांग रहे हैं।
अयोध्या मामले पर बोलते हुए मोदी ने कहा, कांग्रेस के काम करने का तरीका समस्याएं टालने और उन पर वोट मांगने का रहा है। कांग्रेस ने इसीलिए आर्टिकल 370 का मसला लटकाए रखा। राम जन्मभूमि अयोध्या का विवाद भी दशकों तक लटकाया गया। कांग्रेस चाहती तो समाधान निकाल सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने वोट बैंक की राजनीति की। आज राम जन्मभूमि से जुड़ा विवाद खत्म हो चुका है। एक भारत और श्रेष्ठ भारत का सपना पूरा करने का काम हम कर रहे हैं।
केंद्र और राज्य, दोनों जगह भाजपा की सरकार होने का फायदा बताते हुए मोदी ने कहा, झारखंड को केंद्र और राज्य की योजनाओं का डबल फायदा मिल रहा है। गरीब से गरीब को मुफ्त गैस कनेक्शन मिला है, जिसका लाभ देश के 8 करोड़ परिवारों को मिला है। इसके साथ ही झारखंड के 33 लाख और पलामू के 50 हजार परिवारों को दूसरा सिलिंडर राज्य सरकार ने मुफ्त दिया है।
झारखंड की 81 सीटों पर 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक 5 चरणों में चुनाव होन है। नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे। भाजपा ने राज्य में एनडीए सहयोगियों से तालमेल ना हो पाने के चलते 79 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं।