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झारखंड: झामुमो, कांग्रेस और राजद के मिलने से भाजपा हार सकती है 8 जीती हुईं सीटें, टूट सकता है सत्ता का सपना

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Jharkhand: BJP हार सकती है 8 जीती हुईं Seats, टूट सकता है Government बनाने का सपना । वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। 2019 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के एकजुट होने और भाजपा के अकेले पड़ने से चुनावी परिदृश्य बिल्कुल बदल गया है। झामुमो, कांग्रेस और राजद का गठबंधन अकेली भाजपा पर भारी पड़ता दिख रहा है। इसके तीन कारण हैं। 2014 में झामुमो, कांग्रेस और राजद का सम्मिलित मत प्रतिशत भाजपा से अधिक है। 2014 में भाजपा ने आजसू से गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव भाजपा की 37 में से 8 सीटें ऐसी थीं जहां उसे 10 हजार से कम मतों से जीत मिली थी। 2014 में झामुमो ने अकेले चुनाव लड़ा था। उस समय राजद और कांग्रेस का ही गठबंधन हुआ था। 2019 में चूंकि झामुमो, कांग्रेस और राजद मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए इन 8 सीटों का समीकरण बदल गया है। अगर पुराने वोटिंग पैटर्न को आधार माना जाय तो भाजपा ये 8 सीटें हार सकती है। इसके अलावा रघुवर सरकार को एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर का भी समाना करना पड़ेगा। सरयू राय ने सरकारी भ्रष्टाचार की एक लंबी फेहररिस्त पब्लिक डोमेन में डाल रखी है। इसलिए माना जा रहा है 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा की तरह झटका लग सकता है।

झामुमो, कांग्रेस, राजद मिल कर भाजपा से आगे

झामुमो, कांग्रेस, राजद मिल कर भाजपा से आगे

2014 के चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें उसे 19 पर जीत मिली थी। झामुमो को 20.43 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस ने राजद से गठबंधन किया था। कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों में से 6 जीते थे और उसे 13.96 फीसदी वोट मिले थे। राजद ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत पाया था। राजद का खाता भले नहीं खुला था लेकिन वह 3.02 फीसदी वोट लेने में सफल रहा था। अगर इन तीनों दलों के मत प्रतिशत को जोड़ दिया जाए तो टोटल वोट शेयर 37.41 फीसदी होता है जो भाजपा से बहुत अधिक है। भाजपा को 2014 के विधानसभा चुनाव में 31.26 फीसदी वोट मिले थे। यानी महागठबंधन का वोट शेयर भाजपा से करीब छह फीसदी अधिक है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के 65 पार का सपना चकनाचूर हो सकता है। भाजपा को 31.26 फीसदी वोट तब मिले था जब वह आजसू के साथ थी। 2019 में आजसू ने भाजपा के खिलाफ 14 सीटों पर प्रत्याशी दिये हैं जाहिर का इसका उसे खामियाजा भुगतना होगा।

8 सीटों का बदल गया समीकरण

8 सीटों का बदल गया समीकरण

2014 में राजमहल, बोरियो और मनिका में भाजपा उम्मीदवार को एक फीसदी से भी कम वोटों के अंतर से जीत मिली थी। इस बार बोरियो और मनिका में भाजपा ने अपने सीटिंग विधायक का टिकट काट कर नये उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। 2019 में एक तरफ तो भाजपा अकेली पड़ गयी और दूसरी तरफ झामुमो, कांग्रेस और राजद एक साथ मिल गये हैं। ऐसी स्थिति में महागठबंधन के लिए एक फीसदी वोटों के अंतर को पाटना बेहद आसान है। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा अपनी तीन जीती हुईं सीटें गंवा सकती हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की 37 में 8 सीटें ऐसी थी जहां उसे कम मार्जिन से जीत मिली थी। उस समय झामुमो ने कांग्रेस और राजद से अलग रह कर चुनाव लड़ा था इसलिए भाजपा को जीत मिल गयी थी। लेकिन अब जब तीनों साथ मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं तो इन 8 सीटों पर भाजपा के हारने की आशंका पैदा हो गयी है। अगर भाजपा 8 सीटें गंवा देती है तो सत्ता उसके लिए सपना बन जाएगा।

एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर

एंटी इनकम्बेंसी फैक्टर

रघुवर दास ने स्थिर सरकार के नारे के साथ पांच साल तक शासन किया है। उन्होंने चुनाव में जो वायदे किये थे अब जनता उसका हिसाब मांग रही है। झारखंड में जनजाति समुदाय की आबादी 28 फीसदी है। आदिवासियों के कल्याण के नाम पर ही झारखंड अलग राज्य बना था। लेकिन विरोधी दलों का आरोप है कि सरकार आदिवासियों की पहचान खत्म करने पर तुली है। रघुवर सरकार उस आदिवासी को ट्राइबल का सर्टिफिकेट नहीं दे रही जिसके पास जमीन नहीं है। रघुवर सरकार ने संथाल परगना काश्तकारी कानून और छोटानागपुर काश्तकारी कानून में संशोधन करने की कोशिश की थी जिसका आदिवासियों ने पुरजोर विरोध किया था। ये दोनों कानून आदिवासियों की जमीन की सुरक्षा की गारंटी हैं। आदिवासी समाज के मन में रघुवर सरकार को लेकर शंका है। स्थानीय नीति मसले पर भी सरकार को लोगों के गुस्से का शिकार होना पड़ा है। रांची शहर में 24 घंटे निर्बाध बिजली का वायदा पूरा नहीं हो पाया। राज्य के आर्थिक विकास के लिए पूंजी निवेश का वायदा भी परवान नहीं चढ़ सका। ऐसे कई और मुद्दे हैं जो सरकार के खिलाफ जा सकते हैं। रघुवर सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने खुद सरकार पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाये हैं। इन आरोपों से भाजपा को चुनाव में मुश्किल पेश आ सकती है।

इसे भी पढ़ें:- झारखंड चुनाव : आजसू-भाजपा ने लड़ाई के बीच इस तरह बाकी रखी है दोस्ती की गुंजाइश

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English summary
Jharkhand Assembly elections 2019: May BJP lose 8 seats after JMM, Congress and RJD Coalition
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