झारखंड चुनाव: फर्स्ट फेज के मुकाबलों की पिच रिपोर्ट, 13 सीटों पर किसका पलड़ा भारी?
रांची। पहले चरण में 30 नवम्बर को जिन 13 स्थानों पर मुकाबले होने हैं उनमें 9 मैदान भाजपा के लिए के लिए अनुकूल दिख रहे हैं। ऐसा मानने की वजह पिछले नतीजे हैं। लेकिन टीम संरचना में बदलाव के कारण पुराने नतीजों को दोहराना भाजपा के लिए काफी मुश्किल होगा। आजसू के प्लेयर एनडीए की टीम से बाहर हैं। फर्स्ट फेज के तीन मैदानों पर उन्होंने अलग नेट प्रैक्टिस की है। जाहिर है बदले हुए अंदाज में मुकाबले होंगे। नरेन्द्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों ने टीम भाजपा की जीत के लिए खूब पसीना बहाया है। भाजपा के खेमे में जोश है। दूसरी तरफ कांग्रेस के ड्रेसिंग रूम में थोड़ी चिंता है। चीफ मोटिवेटर राहुल गांधी पहले चरण के मुकाबलों के लिए समय नहीं दे पाये। कांग्रेस के छह प्लेयर मैदान में हैं। इनका मुकाबला जोश से भरी भाजपा से है। लोकल वेदर कंडिशन के हिसाब से 13 मैदानों की जो पिच रिपोर्ट है उनमें 9 भाजपा के फेवर में जाती हुईं दिख रही हैं।
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बिशुनपुर
गुमला जिले की बिशुनपुर सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। लाल आतंक के साये में यहां मुकाबला होगा। झामुमो इसे अपना पसंदीदा मैदान मानता है। झामुमो के चमरा लिंडा यहां से विनर हैं। पिछले दो मुकाबलों में उनको यहां से जीत मिल चुकी है। यहां उरांव जानजाति की बहुलता है। लेकिन इस बार भाजपा ने अशोक उरांव को मैदान में उतार कर मुकाबला कांटे का बना दिया है। अशोक इस क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय हैं। 2014 के चुनाव में उन्होंने निर्दलीय किस्मत आजमायी थी और तीसरे स्थान पर रहे थे। भाजपा ने अशोक को जिताऊ खिलाड़ी समझा और इस बार उन्हें अपनी टीम से मैदान में उतार दिया। चमरा लिंडा और अशोक उरांव में ही मेन फाइट है। कोई भी जीत सकता है। वैसे झाविमो के महात्मा उरांव भी अपना जोर दिखा रहे हैं।
विश्रामपुर
पलामू के विश्रामपुर मैदान की पिच इस बार कुछ बदली हुई है। कांग्रेस के चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे अनुभवी और जुझारू खिलाड़ी हैं। वे इस मैदान पर लंबी पारी खेल चुके हैं। उनको चुनौती दे रहे हैं भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी। पिछले मुकाबले में ददई दुबे के पुत्र अजय कुमार को रामचंद्र ने आउट कर दिया था लेकिन इस बार मुकाबला टफ होने वाला है। यहां के चुनावी पिच पर ददई चौंकाने वाली पारी खेल सकते हैं। रामचंद्र रघुवर सरकार में मंत्री हैं। सरकार की नाकामियां ददई के हक में जा रही हैं। मंडल डैम पर काम शुरू नहीं हुआ। कौरव जलाशय योजना भी साकार नहीं हुई। पानी भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है।
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लोहरदगा
फर्स्ट फेज की सबसे टफ पिच लोहरदगा की है। यहां एक ही कोच से खेल सीखने वाले दो जाने पहचाने खिलाड़ी आंमने-सामने हैं। कभी कांग्रेस के खिलाड़ी रहे सुखदेव भगत अब भाजपा की जर्सी में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के कैप्टन रामेश्वर उरांव से है। भाजपा के कोच ने मैच पूर्व पिच का निरीक्षण किया तो उन्होंने सुखदेव भगत की बैटिंग को इसके अनुकूल पाया। दो टीमों के खेलने का अनुभव सुखदेव भगत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। कांग्रेस के मुकाबले उन्होंने नेट पर अधिक पसीना बहाया है। तैयारियों के हिसाब से भाजपा के डग आउट में काफी जोश है। भाजपा इस मैदान पर पिछले नतीजे को दुहरा सकती है। आजसू ने नीरूशांति भगत भी चुनौती पेश कर रही हैं।
छतरपुर
छतरपुर की पिच का मिजाज कुछ ऐसा था कि भाजपा को यहां नया खिलाड़ी उतारना पड़ा। राजद के लिए मैच खेल चुके मनोज कुमार की पत्नी पुष्पा देवी भाजपा को जीत दिलाने के लिए मैदान पर उतरी हैं। पुष्पा देवी की तैयारियों के देख कर लगता है वे इस पिच पर बेहतर खेल दिखाएंगी। भाजपा के नियमित बल्लेबाज रहे राधाकृष्ण किशोर अब आजसू के लिए खेल रहे हैं। राजद के विजय राम ने मुकाबले को ट्रेंगुलर बना दिया है।
डाल्टनगंज
डाल्टनगंज की पिच पर भाजपा ने दूसरी टीम से आये खिलाड़ी को अपनी कैप पहनायी है। मैच जीतने के लिए भाजपा ने दूसरी टीमों से कुछ खिलाड़ियों को तोड़ा है जिसमें झाविमो के आलोक चौरसिया भी एक हैं। भाजपा के आलोक चौरसिया का मुकाबला 2009 के विजेता केएन त्रिपाठी (कांग्रेस) से है। अभी तक वार्मअप मैच में आलोक ने अच्छा खेल दिखाया है। अगर मौसम का मिजाज इसी तरह रहा तो वे मुख्य मुकाबले में भी अच्छा परफॉर्म करेंगे।
मनिका
मनिका के मैदान पर भाजपा ने अपने बेंच स्ट्रेंग्थ को आजमाया है। नियमित बल्लेबाज हरिकृष्ण सिंह को ड्रॉप कर उसने अभरते हुए खिलाड़ी रघुपाल सिंह को मौका दिया है। कांग्रेस ने राजद के प्लेयर रहे रामचंद्र सिंह को अपनी टीम का हिस्सा बनाया है। इस पिच पर कांग्रेस की बैटिंग कमजोर लग रही है। भाजपा के लिए डेब्यू करने वाले रघुपाल ने अपने चयन को सही साबित करने के लिए खूब मेहनत की है। पिछले मुकताबले में भाजपा यहां जीत चुकी है। इस बार भी बेहतर स्थिति में है। झाविमो के राजपाल सिंह मुकाबले को तिकोना बना रहे हैं।
भवनाथपुर
भवनाथपुर की पिच पर भाजपा ने भानुप्रताप सिंह को मैदान में उतारा। भानु कभी भाजपा की कोर टीम का हिस्सा नहीं रहे। वे विनर हैं लेकिन आजाद तबीयत के खिलाड़ी रहे हैं। यह बदलाव भाजपा के नेचर को सूट नहीं कर रहा। भानु के आने से भाजपा की ओरिजिनल टीम नाखुश है। इसका फायदा कांग्रेस के केपी यादव को मिल सकता है। अगर किस्मत ने साथ दिया तो लोजपा से खेल रहे अनंत प्रताप देव भी मैच जिताऊ पारी खेल सकते हैं। भाजपा के भानु प्रताप शाही के खेलने की जो शैली है वह टीम के खिलाफ जा सकती है।
हुसैनाबाद
राजनीति पंडित हुसैनाबाद की पिच के मिजाज को भांप नहीं पा रहे है। इस पिच पर आजसू, भाजपा समर्थित निर्दलीय, राजद और एनसीपी में से कोई कमाल कर सकता है। यहां कोई भी टीम लगातार मैच नहीं जीत सकी है। यहां भाजपा समर्थित निर्दलीय विनोद सिंह के लिए अनायास ही एक बड़ा मौका हाथ गया है। पिछले मैच के विजेता शिवपूजन मेहता बसपा छोड़ कर आजसू से खेल रहे हैं। भाजपा के सेलेक्टरों की गलती से विनोद सिंह उसकी प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सके थे। यही गलती अब विनोद के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। भाजपा के समर्पित समर्थकों की सहानुभूति विनोद के साथ है। वे जी जान से विनोद का हौसला बढ़ा रहे हैं। राजद के संजय सिंह यादव और एनसीपी के कमलेश सिंह भी अपनी तरफ से चुनौती पेश कर रहे हैं।
लातेहार
लातेहार में प्लेयर बदलने का दांव भाजपा के लिए कामयाब होता दिख रहा है। प्रकाश राम पिच के हिसाब से फिलहाल ठीक खेल रहे हैं। मैच का रुख आखिरी दिन यानी 30 नवम्बर खेल पर निर्भर है। प्रकाश को चुनौती देने के लिए झामुमो ने भी बौरो प्लेयर को मैदान में उतारा है। भाजपा के खिलाड़ी रहे वैद्यनाथ राम झामुमो से बैटिंग कर रहे हैं। पिच के कंडिशन के हिसाब से प्रकाश का खेल ज्यादा सधा हुआ है।
गढ़वा
गढ़वा की पिच भाजपा के सत्येन्द्र नाथ तिवारी के लिए अनुकूल लग रही है। उन्होंने अभी तक झामुमो के मिथिलेश कुमार और झाविमो के सूरज प्रसाद गुप्ता पर बढ़त बना रखी है। गढ़वा में अमित शाह के शंखनाद से सत्येन्द्र का हौसला बढ़ा हुआ है।
चतरा
भाजपा ने चतरा में अपने विनिंग प्लेयर जयप्रकाश भोक्ता को ड्रॉप कर जनार्दन पासवान को मैदान में उतारा है। राजद के सत्यानंद भोक्ता और झाविमो के तिलेश्वर राम भाजपा को चुनौती दे रहे हैं। सत्यानंद भोक्ता भाजपा के पुराने प्लेयर हैं। उनके मैदान में उतरने से भाजपा को मुश्किल हो रही है। अभी तक जो हालात है उसके हिसाब इस मैदान पर भाजपा का मैच कड़े मुकाबले में फंसा हुआ है। खिलाड़ी बदलने का फैसला उसके लिए नुकसानदेह भी हो सकता है।
गुमला
गुमला के पिछले मुकाबले में भाजपा यहां जीत चुकी है। वह इस पिच पर तीसरी जीत की तलाश मे है। भाजपा ने जीत के लिए नये चेहरे मिसिर कुजूर को मैदान में उतारा है। उसे लगा कि उसके विनिंग प्लेयर शिवशंकर ये मैच नहीं निकाल पाएंगे इसलिए उसने मिसिल कुजूर पर दांव खेला है। मिसिर के प्रदर्शन से भाजपा के खेमे में उत्साह है। झामुमो के भूषण तिर्की, मिसिर कुजूर को चुनैती पेश कर रहे रहैं।
पांकी
पांकी की पिच हमेशा से भाजपा के लिए मुश्किल रही है। यहां भाजपा का कोई भी बल्लेबाज संभल कर नहीं खेल पाया है। यहां के धाकड़ बल्लेबाज रहे विदेश सिंह (कांग्रेस) दिवंगत हो चुके हैं। अब उनके पुत्र देवेन्द्र सिंह इस मैदान के माहिर खिलाड़ी हैं। इस पिच पर कांग्रेस के देवेन्द्र सिंह की बैटिंग काफी मजबूत दिख रही है। कांग्रेस को भरोसा है कि वह एक बार फिर भाजपा की चुनौती ( शशिभूषण मेहता) बेअसर कर देगी।