दूसरी एयरलाइंस को दिए जाएंगे Jet Airways के विदेशी उड़ान के खाली स्लॉट
नई दिल्ली। घाटे की मार की वजह से परिचालन बंद कर चुकी जेट एयरवेज के विदेशों मार्गों पर उड़ान के अधिकारों को लेकर एयरलाइन कंपनियों की होड़ मची हुई है। इस बीच शुक्रवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव पीएस खरोला ने कहा कि एक बैठक में मंत्रालय के आवंटन के लिए एक पारदर्शी मानक क्रियान्वयन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करने का फैसला लिया है।
खरोला ने कहा है कि हमने एयरलाइंस कंपनियों से उनके स्लाट जिसमें घरेलू और अंतराष्ट्रीय उड़ान अधिकारों की जरूरतों के बारे में बताने के लिए कहा था। उनके अनुरोधों को आधिकारिक रूप से शामिल गया है। इसके बाद अब इस पर विश्लेषण किया जाएगा और फिर हम पारदर्शी एसओपी विकसित करेंगे। जिसके आधार पर एयरलाइंस को अधिकार दिए जाएंगे।
बता दें कि 17 अप्रैल को जेट एयरवेज का संचालन अचानक ठप होने जाने की वजह से कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की संख्या भी कम हो गई जिसकी वजह से किराए में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। हालांकि खरोला ने यह साफ कर दिया है कि इन अधिकारों का आंटन अस्थायी और जेट के फिर से परिचालन शुरू करने तक होगा।
पिछले महीने कैश-स्ट्रैप्ड और डेट लैन्ड एयरलाइन का परिचालन ठप होने के बाद बेडे में शामिल 119 विमानों में से 85 से अधिक विमानों को डी-पंजीकृत किया गया है। जिसका मतलब है कि विमान की बकाया राशि वसूलने के लिए इनको पट्टे पर दूसरी एयरलाइन्स को देने की अनमति दी गई है। विमानों का परिचालन बंद होने के बाद जेट एयरवेज ने 10 बोइंग विमानों के ऑर्डर रद्द कर दिये हैं। एयरलाइन ने अपने घरेलू स्लॉट भी खो दिए हैं।
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