जेट एयरवेज की समस्या को लेकर कंपनी के CEO, CFO अरुण जेटली से मिले
नई दिल्ली। जेट एयरवेज के बंद होने से जिस तरह से कंपनी के 16000 कर्मचारियों की नौकरी चली गई उसके बाद कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले चीफ एग्जेक्युटिव अधिकारी और सीएफओ ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की है। कंपनी की ओर से पत्र लिखकर इस बात की चिंता जाहिर की गई है कि जेट एयरवेज में 16000 स्थाई और 6000 अस्थाई कर्मचारी थे, लेकिन कंपनी के बंद होने की वजह से इन कर्मचारियों के रोजगार पर खतरा मंडरा रहा है। जेट के अधिकारियों ने अरुण जेटली से मुलाकात करके इस मसले में सरकार के हस्तक्षेप की अपील की है।
काफी देर चली मुलाकात
अरुण जेटली के साथ मुलाकात के बाद मुख्य अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्री के साथ मुलाकात सकारात्मक रही है। यह मुलाकात एक घंटे 20 मिनट तक चली। इस दौरान जेटली ने कहा कि जेट एयरवेज काफी अहम है, वह कंपनी के कर्मचारियों और ग्राहकों की परवाह करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि कंपनी के कर्मचारी प्रभावित नहीं हो।
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जेटली से की अपील
इस हफ्ते की शुरुआत में जेट एयरवेज के सीईओ विनय दुबे ने अपील करते हुए कंपनी को वित्तीय मदद करने को कहा था। उन्होंने कंपनी को 983 करोड़ की आर्थित सहायता देने की मांग की थी, जिसे स्वीकार नहीं किया था, जिसकी वजह से कंपनी को बंद करने के लिए मजबूर होना पडा। हमने वित्त मंत्री से अपील की थी कि वह बैंकों से फंड देने की अपील की थी, जिससे कि कर्मचारियों की सैलरी दी जा सके। उन्होंने कहा था कि वह एसबीआई से अपील करेंगे कि इस मामले में हस्तक्षेप करे।
संकट से गुजर रही एयरलाइंस
बता दें कि कैश क्राइसिस से गुजर रही निजी विमान कंपनी ने आखिरकार बुधवार को अपने परिचालन को अस्थाई तौर पर बंद करने का फैसला किया। बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपए की इमरजेंसी फंड नहीं मिलने के बाद एयरवेज ने अपने परिचालन को बंद करने का ऐलान कर दिया। जेट एयरवेज के बंद होने से कंपनी के 20 हजार कर्मचारियों की मुश्किल बढ़ गई है। उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
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