PoK में अब आर्मी की वर्दी पहनेंगे जैश और लश्कर के आतंकी, पाकिस्तान की बड़ी साजिश
नई दिल्ली- पिछले दो-तीन दिनों में जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए यूरोपियन यूनियन के 27 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने वहां की जमीनी हालात को लेकर जिस तरह से पाकिस्तान की कलई खोलनी शुरू की है, उससे पाकिस्तान घबरा गया है। पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई को इस बात का डर सताने लगा है कि जिस तरह से भारतीय सेना उन्हें कश्मीर में पाकिस्तानी दहशतगर्दी से रूबरू करा रही है, उससे उसका असली चेहरा दुनिया के सामने खुलकर आना तय हो चुका है। इसलिए, पाकिस्तानी सेना ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के आकाओं को साफ निर्देश दिया है कि वे अब अपने दहशतगर्दों को सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तानी सेना की वर्दी ही पहनाएं, ताकि अगर उनपर दूरबीनों से यूरोपियन सांसदों की भी नजर पड़े तो वो उन्हें पाकिस्तानी सैनिक समझकर चकमा खा जाएं।
आतंकियों को पाकिस्तानी सेना ने दी अपनी वर्दी
पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में दहशतगर्दी को जारी रखने और दुनिया की नजरों में खुद को पाक-साफ दिखाने की नई और बहुत बड़ी साजिश रची है। सेना के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी आर्मी ने अब नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने आतंकियों को सेना की वर्दी पहनाना शुरू कर दें, ताकि उनकी पहचान छिपाई जा सके। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में इस समय जिस तरह से यूरोपियन यूनियन के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दौरा कर रहा है उससे उसे इस बात का डर है कि कहीं उन्हें भी पाकिस्तान अधिकृत में मौजूद आतंकवादी लॉन्च पैड और उसमें भारत में घुसपैठ के लिए तैयार बैठे आतंकवादियों पर नजर न पड़ जाए। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, 'नियंत्रण रेखा के साथ लगे आतंकवादी लॉन्च पैड्स पर पर्दा डालने के लिए यह पाकिस्तानी सेना का तरीका है। पहचान छिपाने के लिए आतंकवादियों से कहा गया है कि वह पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनें। यह इसलिए किया गया है, क्योंकि यूरोपियन यूनियन के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इस समय जम्मू एवं कश्मीर और नियंत्रण रेखा के दौरे पर है। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादी संगठनों को निर्देश दिए हैं कि वे पाकिस्तानी आर्मी बेस के आसपास मौजूद लॉन्च पैड्स पर सेना की वर्दी पहनें ताकि उन्हें पहचाना न जा सके। '
पाकिस्तानी सेना के बड़े अफसरों को भी सख्त चेतावनी
पाकिस्तानी आर्मी के बड़े अधिकारियों को भी यह सख्त हिदायत दी गई है कि वो सुनिश्चित करें कि जमीनी स्तर पर आतंकी संगठनों की ओर से इन दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जाए। पाकिस्तान को डर है कि यूरोपियन यूनियन के सांसदों के सामने उसकी असलियत खुल न जाए और वे भी कहीं पाकिस्तानी सेना के ठिकानों के आसपास आतंकवादियों की मौजूदगी को अपनी आंखों से न देख लें। दरअसल, इन विदेशी सांसदों ने जम्मू-कश्मीर में अबतक जो कुछ भी देखा है, उसके बाद इसी निष्कर्ष पर पहुंचें हैं कि वहां मौजूद आंतकवाद सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है। यही नहीं उन्होंने आर्टिकल-370 के खात्मे को भी भारत का आंतरिक मामला बताया है और साफ किया है कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में उनके देश भारत के साथ खड़े हैं। ऐसे में अगर पीओके में आतंकवादियों की मौजूदगी के गवाह वे भी बन गए तो पाकिस्तान की और फजीहत होनी तय है। क्योंकि, इन विदेशी सांसदों की मौजूदगी में बंगाल के 5 मजदूरों की जघन्य हत्या करके पाकिस्तानी आतंकियों ने अपना असली चेहरा पहले ही दिखा दिया है।
घुसपैठ की हर कोशिश का मिल रहा है माकूल जवाब
इस बीच भारत ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की पाकिस्तानी कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब देना जारी रखा है। इसी के मद्देनजर भारत ने पुंछ और राजौरी सेक्टर में पाकिस्तानी ठिकानों पर जोरदार जवाबी फायरिंग करके उसके नापाक मंसूबों को एकबार फिर से चकनाचूर कर दिया है। सेना के सूत्रों ने अपनी ये लाइन फिर से जाहिर की है कि पाकिस्तान जब भी भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करेगा, भारत अपनी जरूरत के हिसाब से और अपने चुने हुए समय और ठिकानों पर माकूल कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
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