भारी बारिश से पटना के डूबने पर जेडीयू नेता ने पूछा- नीतीश कुमार ब्रह्मा हैं...?
नई दिल्ली- बिहार की राजधानी पटना इसबार भयंकर बारिश का कहर झेल रहा है। कई इलाकों में अभी भी 6-7 फीट तक पानी भरा हुआ है। राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक के रेस्क्यू किए जाने वाली तस्वीरें वायरल हो चुकी हैं। आरोप लग रहे हैं कि अगर शहर की ड्रेनेज सिस्टम ने साथ दिया होता तो लोग इतने परेशान नहीं होते। यह भी कहा जा रहा है कि अगर समय रहते सरकार लोगों को भारी बारिश के चलते पैदा होने वाली समस्या से आगाह कर देती तो भी लोग निचले इलाकों से सुरक्षित बाहर निकल गए होते। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ और जब सत्ताधारी दल के नेताओं से लेकर मुख्यमंत्री तक से सवाल पूछे जा रहे हैं तो वह सारा दोष भगवान पर डाल रहे हैं। अब जेडीयू के नेता अजय आलोक को ही ले लीजिए, उनके घर में भी पानी घुसा हुआ है और वो अपने सामानों को सुरक्षित बचाने में लगे हुए हैं। लेकिन, जब उनसे इस बदतर हालात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कह दिया कि नीतीश कुमार ब्रह्मा नहीं हैं, जो बारिश रोक लेंगे।
नीतीश कुमार ब्रह्मा हैं.... ?
बिहार
में
जेडीयू
के
नेता
अजय
आलोक
ने
बारिश
से
पटना
शहर
की
हुई
बदहाली
को
लेकर
कहा
है
कि
ये
ऐसी
प्राकृतिक
आपदा
है,
जिसमें
दुनिया
की
कोई
भी
सरकार
कुछ
कर
ही
नहीं
सकती।
जब
उनसे
पूछा
गया
कि
पटना
तो
स्मार्ट
सिटी
की
लिस्ट
में
है
फिर
ऐसा
हाल
क्यों
हो
गया?
उनसे
सवाल
किया
गया
कि
जेडीयू
ने
नया
चुनावी
नारा
दिया
है
कि
क्यों
करें
विचार
ठीके
तो
है
नीतीश
कुमार,
क्या
यही
ठीक
है?
इसपर
वे
बोले-
'इसमें
नीतीश
कुमार
क्या
करेंगे?
ब्रह्मा
हैं
नीतीश
कुमार
कि
बरसात
रोक
लेंगे?
आप
लोग
भी
कहां
की
बात
कहां
जोड़
रहे
हैं,
ये
तो
प्राकृतिक
विपदा
थी।
एक
साथ
इतना
पानी
अगर
पड़े.....
200
मिली
मीटर
तक
तो
मुंबई,
न्यूयॉर्क...लंदन
तक
नहीं
बचा,
ये
तो
पटना
है।
न्यूयॉर्क
लंदन
को
स्मार्ट
सिटी
कहेंगे
न...
जब
बारिश
होती
है
डेढ़
सौ
एमएम
की...
तो
वे
भी
डूब
जाते
हैं।'
उन्होंने
पटना
की
ड्रेनेज
सिस्टम
पर
उठ
रहे
सवालों
पर
नीतीश
सरकार
की
बचाव
में
कहा
कि
'ड्रेनेज
सिस्टम
पटना
में
जितना
दुरुस्त
था,
उतना
ही
दुरुस्त
है।
लेकिन
अगर
अचानक
पांच
गुना
बारिश
ज्यादा
आ
जाय
तो
कोई
ड्रेनेज
सिस्टम
काम
नहीं
करेगा।.....इतनी
बारिश
कोई
सरकार
नहीं
झेल
सकती
है।'
उनका
दावा
है
कि
पटना
शहर
से
पानी
निकालने
के
लिए
24
घंटे
लगातार
पंप
चलाए
जा
रहे
हैं,
फिर
भी
पानी
की
निकासी
नहीं
हो
पा
रही
है।
गंगा,
सोन,पुनपुन
सबका
जलस्तर
उठा
हुआ
है
तो
पानी
निकालेंगे
कहां?
'हथिया' के हवाले पटना
अजय आलोक अकेले नहीं हैं। दो दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी जब पटना में भारी बारिश के चलते पैदा हुई हालत को लेकर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने स्थिति पर नियंत्रण करने से यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की थी कि यह तो हथिया नक्षत्र का असर है। उन्होंने कहा था कि जहां तक मुझे पता है कि कम से कम तीन दिन तक तो इसका असर कम नहीं किया जा सकता। सीएम के बाद बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने भी पटना में जलभराव का ठीकरा हथिया नक्षत्र पर ही फोड़ दिया था। उन्होंने कहा था, 'बिहार में पिछले कुछ दिनों से जो मूसलाधार बारिश हो रही है यह हथिया नक्षत्र की बारिश है। हथिया नक्षत्र की बारिश बड़ी ही गंभीर हो जाती है। बारिश ने प्राकृतिक आपदा का रूप ले लिया है। सरकार इससे पूरी तरह निपटने के लिए तैयार है।'
बारिश कम हुई तो सुधर रहे हैं हालात
लगता है बिहार के सत्ताधारी नेताओं की चिंता इंद्र देवता ने सुन ली है, जो लगातार हो रही बारिश में थोड़ी रुकावट आई है। इसके चलते राहत और बचाव कार्य भी अब तेज हो गया है। जलजमाव वाले इलाकों के लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन कुल 12 जगहों पर राहत शिविर चला रहा है। इसका दावा है कि अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों को राहत शिविर में लाया जा चुका है। नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमिटी ने मंगलवार को कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा की अध्यक्षता में पटना समेत पूरी बिहार में भारी बारिश से पैदा हुई हालात का जायजा लिया है। बता दें कि बिहार में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें से 6 टीमें सिर्फ पटना में रात-दिन काम पर लगी हुई हैं। भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों से भी पीड़ितों को रेस्क्यू करने के अलावा उनतक खाने पीने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। सोमवार को राज्य के सीएम भी पटना शहर के बारिश प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा कर चुके हैं। बिहार सरकार के मुताबिक इस वक्त राज्य के 16 जिले बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं।
पटना में बाढ़ का प्रकोप, पानी में डूबा एक और नेता का घर