JDS-Congress के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन तेज, दोनों ही दल इस बात के लिए तैयार
बेंगलुरू। कर्नाटक में जेडीएस और कांग्रेस के बीच आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सीटों के बंटवारे की कवायद तेज हो गई है। इसी सिलसिले में जेडीएस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों के बंटवारे पर बातचीत की गई । हालांकि इस बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर किसी भी तरह का अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका और ना ही किसी भी तरह की निर्णायक राय बन सकी है। लेकिन दोनों ही दलों ने भरोसा जताया है कि वह सीटों के बंटवारे का मुद्दा जल्द ही सुलझा लेंगे।
सीटों के बंटवारे पर फंसा है पेंच
जेडीएस और कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे, लेकिन दोनों ही दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि आखिर कैसे प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों का बंटवारा किया जाए और कौन सी सीट किसके खाते में जाए। रिपोर्ट की मानें तो कुमारस्वामी प्रदेश की 12 लोकसभा सीटें चाहते हैं। वह यह मांग पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजे के आधार पर कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस जेडीएस को सिर्फ 10 सीटें ही देने के पक्ष में है।
प्रदेश के गठबंधन पर नहीं पड़ेगा असर
कुमारस्वामी के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस बात का भरोसा दिलाया है कि वह अपनी मांग को लेकर कठोर नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी शर्तों से कुछ समझौता करके आखिरी नतीजे तक पहुंच जाएंगे और अंतिम फैसला कर लिया जाएगा। कांग्रेस को भी इसी रवैये के साथ सीटों के बंटवारे पर बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे का असर प्रदेश के गठबंधन पर नहीं पड़ेगा। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पर हर किसी की नजर है कि वह क्षेत्रीय दलों को किस तरह से साधती है।
2 घंटे चली बैठक
कुमारस्वामी की आज तकरीबन दो घंटे तक कांग्रेस के नेताओं के सात मुलाकात चली। इस दौरान बैठक में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पी परमेश्वर, केसी वेणुगोपाल, सिद्धारमैया, दामिश अली आदि शामिल थे। इस दौरान दामिश अली ने कहा कि कोई भी दल अधिक सीटों की मांग करता है तो इसमे कुछ भी गलत नहीं है। लेकिन दोनों के बीच लेन-देन से ही बात बनेगी। हमारा मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक सीटें जीतना है।
12 सीटें मांगने का पूरा अधिकार
कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 4-5 दिनों में हम सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला ले लेंगे। उन्हें 12 सीटें मांगने का पूरा अधिकार है। लेकिन दोनों ही दलों के एक दूसरे के साथ समझौता करने का रवैया होना चाहिए। जेडीएस के दामिश अली ने कहा कि 2009, 2014 के उपचुनाव में हमने जीत दर्ज की है। ऐसे में इन सीटों का जेडीएस के खाते में जाने का कोई मतलब ही नहीं है।
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