जेपी एसोसिएट्स को राहत, 25 जनवरी तक जमा कराने होंगे 125 करोड़
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के निवेदन पर विचार करने के बाद इस फर्म को 25 जनवरी तक का समय दे दिया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेपी एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को राहत देते हुए 125 करोड़ रुपये जमा कराने के लिए 25 जनवरी तक का वक्त दे दिया है। इससे पहले कोर्ट ने 31 दिसंबर तक यह रुपए सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा कराने का आदेश दिया था। आदेश के तहत 14 दिसंबर तक 150 करोड़ रुपये जमा कराने थे जो कंपनी ने जमा करा दिए थे। कंपनी अभी तक शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में 425 करोड़ रुपए जमा करा चुकी है और उसे 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए और जमा कराने थे। कंपनी इसके लिए दो महीने का समय चाहती थी।
1 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के निवेदन पर विचार करने के बाद इस फर्म को 25 जनवरी तक का समय दे दिया। कोर्ट इस मामले में अब एक फरवरी को आगे सुनवाई करेगा। कंपनी ने मकान खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए उसकी रजिस्ट्री में कल 150 करोड़ रुपए जमा कराए थे। कोर्ट ने 22 नवंबर को इस फर्म का 275 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट स्वीकार करते हुए उसे दो किस्तों में 14 दिसंबर को 150 करोड़ रुपए तथा 31 दिसंबर तक 125 करोड़ रुपए और जमा कराने का निर्देश दिया था। इससे पहले, कोर्ट ने इस समूह के पांच प्रवर्तकों तथा आठ स्वतंत्र निदेशकों को अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की निजी संपत्ति बेचने से रोक दिया था।
निदेशकों की विदेश यात्रा पर लगाई थी रोक
जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के निदेशकों ने कोर्ट में हलफनामे दाखिल कर अपनी निजी संपत्तियों का विवरण दिया था और अब उन्हें 10 जनवरी को कोर्ट में पुन: पेश होना है। कोर्ट ने 13 जनवरी को पूर्वानुमति के बगैर जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और निदेशकों की विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी थी। कोर्ट ने जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड को अपना सारा रिकार्ड अंतरिम रिजोल्यूशन प्रफेशनल को सौंपने का आदेश दिया था ताकि वह 32,000 से अधिक मकान खरीदारों और देनदारों के हितों की रक्षा के संकेत देते हुए एक प्रस्ताव का मसौदा तैयार करें।
संपत्ति नहीं बेच सकते निदेशक
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने सभी 13 निदेशकों की निजी संपत्ति को फ्रीज कर लिया है। अदालत के आदेश के बिना ये लोग अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे। यही नहीं निदेशकों के पारिवारिक सदस्य भी अपनी संपत्ति नहीं बेच सकेंगे। कोर्ट ने कहा है कि अगर आदेश के बावजूद निवेशक अपनी संपत्ति बेचने की कोशिश करते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलेगा।
यौन शोषण: राज्यसभा पैनल ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज को दी क्लीन चिट