Jayaprakash Narayan Jayanti: 'राष्ट्रहित से ऊपर उनके लिए कुछ नहीं था', पीएम मोदी, शाह सहित कई नेताओं ने किया याद
Jayaprakash Narayan Jayanti: 'राष्ट्रहित से ऊपर उनके लिए कुछ नहीं था', पीएम मोदी, शाह सहित कई नेताओं ने किया याद
नई दिल्ली: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की आज 11 अक्टूबर को जयंती है। (Jayaprakash Narayan Jayanti) इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई नेताओं ने जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि। दी है। पीएम नरेंद्रे मोदी ने ट्वीट कर लिखा, 'मैं लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। उनके लिए राष्ट्रहित और लोगों के कल्याण से ऊपर कुछ भी नहीं था।'
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वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ''लोकनायक जयप्रकाश नारायण देशभक्ति, निर्भिकता और स्वाभिमान के प्रतीक है। उन्हें न सत्ता का मोह था न किसी पद की लालसा, उन्होंने सदैव एक जनसेवक के रूप में निस्वार्थ भाव से देशहित में काम किया। आपातकाल के विरुद्ध देश को एक कर अराजकता और अन्याय से डट कर लड़ने वाले ऐसे महान नेता को नमन।''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, 'लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर मैं उनके महान व्यक्तित्व एवं कृतित्व को स्मरण एवं नमन करता हूं। लोकतंत्र को सुरक्षित रखने में उनकी जो प्रभावी भूमिका रही है, वह हम सभी भारतवासियों को आज भी प्रेरणा देती है। बिहार की धरती धन्य है, जहां जेपी जैसे राष्ट्रनायक का जन्म हुआ।'
जेपी नड्डा बोले- जेपी से मिलना मेरा सौभाग्य
बीजेपी के राष्ट्रीय अधय्क्ष जेपी नड्डा ने लिखा, 'भारत रत्न से सम्मानित जयप्रकाश नारायण जी ने अपने उत्कृष्ट विचारों तथा दर्शन से देश को नई दिशा देने का कार्य किया। ऐसे सर्वोदयी विचारक व मानवतावादी चिंतक की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। यह मेरा सौभाग्य है कि छात्र जीवन में ऐसे विराट व्यक्तित्व का सानिध्य मुझे प्राप्त हुआ था।'
जेपी नड्डा ने अन्य ट्वीट में लिखा, 'जेपी आंदोलन से निकले हुए अनेक राजनेताओं ने भारतीय राजनीति का नेतृत्व कर देश को एक नई दिशा दी। जेपी के बताए मूल्यों और दिशा-निर्देशों पर आगे बढ़कर बेहतर समाज की रचना करना हमारा संकल्प है। मैं भाग्यशाली हूँ कि आज उनकी जयंती पर मुझे पटना में उनके घर जाने का सौभाग्य हासिल हो रहा है।'
आपातकाल को याद करते हुए नड्डा ने लिखा, 'भारत के काले अध्याय 'आपातकाल' में लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके संपूर्ण क्रांति के आह्वान ने एक नए युग का सूत्रपात किया। तख़्त गिर रहे थे,ताज उछल रहे थे लेकिन जेपी लोकतंत्र के लिए संघर्ष कर रहे थे। उनका समस्त जीवन संघर्ष व साधना से परिपूर्ण रहा। उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि।'