प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर बोले जावेद अख्तर- "सत्य वचन"
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड 19 ) के कहर के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कोरोना हमला करने से पहले धर्म, जाति, रंग, भाषा और सीमाएं नहीं देखता है। उनके इस बयान पर अब बॉलीवुड के मशहूर कवि, गीतकार, पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने अपना रिएक्शन दिया हैं।
जावेद अख्तर ने "सत्य वचन" के साथ लिखी ये बात
जावेद अख्तर ने अपने ट्ववीटर हैंडिल पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस बयान पर प्रकाशित खबर को टैग करते हुए लिखा है "सत्य वचन" मुझे उम्मीद है कि पूरा देश पीएम के इस संदेश का ध्यान रखेगा और इसका अनुसरण करेगा। बता दें कि अपने विचारों को लेकर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरते हैं। फिल्मी दुनिया और लेखन की दुनिया से ताल्लुख रखने वाले जावेद अख्तर समसामयिक मुद्दों पर बखूबी राय पेश करते हैं।
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पीएम ने दिया था ये बयान कि कोरोना धर्म और जाति नहीं देखता...
बता दें कि पीएम मोदी ने एकता और भातृत्व का आग्रह करते हुए रविवार को था कि कोरोना वायरस अपनी चपेट में लेने से पहले जाति, धर्म, रंग, समुदाय, भाषा और सीमाएं नहीं देखता है। इसलिए हमारी प्रतिक्रिया और आचरण में एकता और भाईचारे को तवज्जो दी जानी चाहिए। भारत का अगला बड़ा विचार वैश्विक प्रासंगिकता वाला होना चाहिए। हमारे पास न केवल भारत के लिए, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता होनी चाहिए। मालूम हो कि पीएम मोदी ने ये बयान एक मुस्लिम धर्मसभा के बाद भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में उछाल आने के बाद आया। इस घटना ने इस्लामोफोबिक मोड़ ले लिया था।
जावेद अख्तर ने मस्जिद बंद होने के फतवे का किया था समर्थन
बता दें पिछले दिनों तबलीगी जमात का मामला सामने आने पर गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों के डीजीपी को निर्देश दिया है कि वे इन विदेशी नागरिकों के खिलाफ विदेशी एक्ट 1946 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत कानूनी कार्रवाई करें तो बॉलीवुड के मशहूर लेखक और गीतकार जावेद अख्तर ने मस्जिद को बंद कराने वाले फतवे का समर्थन किया था।दरअसल देश की विकट स्थिति देखते हुए अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष ताहिर महमूद ने दारुल उलूम देवबंद से कहा था है कि जब तक कोरोनावायरस संकट है तब तक सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए फतवा दें, जिसको सही ठहराते हुए जावेद अख्तर ने Twitter पर लिखा है कि हां, मैं फतवे की इस मांग का समर्थन करता हूं, इसलिए नहीं क्योंकि मुझे उनके मार्गदर्शन की जरूरत है। लेकिन मैं यह जानना चाहता हूं कि इस मुद्दे पर उनका स्पष्ट रुख क्या है, न ज्यादा न कम।
अशोक पंडित के तब्लीगी जमात के सवाल पर जावेद अख्तर ने दिया था ये जवाब
वहीं बीते शुक्रवार को गीतकार जावेद अख्तर ने बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को कोरोना संक्रमितों की जांच के लिए धन्यवाद दिया था तो वहीं तब्लीगी जमात मामले पर चुप रहने की वजह से सोशल एक्टिविस्ट अशोक पंडित ने उन पर तंज कसा था। जिसके बाद Twitter पर जमकर जावेद अख्तर और अशोक पंडित की बहस हो गई थी। दोनों लोगों का Twitter War ने खूब सुर्खियों बटोरी थी। जावेद ने ट्वीट पर अशोक पंडित ने लिखा था 'सर बीएमसी के द्वारा किए गए कार्य पर आपके धन्यवाद देने की मैं सराहना करता हूं लेकिन तब्लीगी जमात का क्या, मैं इंतजार कर रहा हूं कि आप उसकी निंदा कब करेंगे, मैं श्योर हूं कि आपने मुरादाबाद के विजुअल्स देखे होंगे, इस तरह के हमले पर चुप्पी क्यों?। जिस पर रिएक्शन देते हुए जावेद अख्तर ने अशोक पंडित से सवाल किया कि अशोक, सीधी बात कीजिए, क्या आप जो मुझे बरसों से जानते हैं सोचते हैं मैं कम्युनल हूं, कोई और पूछता तो पूछता, आप जो मेरे दोस्त हैं क्या आप नहीं जानते कि मेरा तब्लीगी जमात जैसी हर संस्था चाहे मुस्लिम हो या हिंदू के बारे में क्या सोचना है।जिसके जवाब में अशोक पंडित ने कहा कि अरे सर मैं आपको बरसों से जानता हूं, आपकी इज्जत करता हूं, लेकिन हैरान हूं कि आपने अब तक आपने तब्लीगी जमात को क्यों नहीं लताड़ा, गलत को गलत और सही को सही कहना मैंने आपसे ही सीखा है, इन आतंकवादियों पर आपकी खामोशी मुझे बहुत खल गई।