नकाब हो या घूंघट, सब हटना चाहिए, जावेद अख्तर ने ट्वीट कर दी सफाई
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के दौरान शिवसेना की उस मांग पर सियासत गरमा गई जब पार्टी ने कहा कि बुर्के पर पाबंदी लगाई जाए। वहीं, बुर्के पर पाबंदी की मांग के बीच लेखक और गीतकार जावेद अख्तर एक बयान देकर निशाने पर आ गए जब उन्होंने कहा कि सरकार ऐलान करे कि राजस्थान में कोई महिला घूंघट में वोट नहीं डालेगी। जावेद अख्तर के इस बयान पर घमासान मचा तो गीतकार ने इसपर सफाई दी है।
बुर्का हो या घूंघट सब हटना चाहिए- जावेद अख्तर
जावेद अख्तर ने कहा कि कुछ लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने बोला था कि श्रीलंका में इसपर सुरक्षा कारणों से पाबंदी लगाई गई होगी, लेकिन वास्तव में यह महिला सशक्तिकरण के लिए आवश्यक है। चेहरे का ढकना बंद होना चाहिए, फिर चाहे नकाब या घूंघट। दरअसल, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में मांग की थी कि बुर्के पर पाबंदी लगाई जाए। पार्टी का कहना था कि जिस तरह से श्रीलंका ने बुर्के पर पाबंदी लगाई, उसी राह पर चलते हुए भारत को भी बुर्के पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। इसी पर जावेद अख्तर ने गुरुवार को भोपाल में प्रतिक्रिया दी थी।
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विवाद बढ़ा तो दी जावेद अख्तर ने सफाई
जावेद अख्तर ने कहा था, 'बुर्के के बारे में मेरी जानकारी कम है। अपने घर में भी बुर्के का चलन नहीं देखा। श्रीलंका में जो प्रतिबंध लगाया गया है, वह भी चेहरे को ढकने को लेकर है। मुझे बुर्के पर प्रतिबंध पर कोई आपत्ति नहीं लेकिन सरकार ऐलान करे कि राजस्थान में कोई महिला घूंघट में मतदान नहीं करेगी।' इस दौरान उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर पर निशाना साधा था।
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प्रज्ञा ठाकुर को टिकट देकर बीजेपी ने अपनी सोच साफ कर दी- अख्तर
जावेद अख्तर ने कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर को टिकट देकर बीजेपी ने अपनी सोच साफ कर दी है। साध्वी प्रज्ञा को चुनाव मैदान में उतारकर भाजपा ने हार स्वीकार कर ली। साध्वी के श्राप से एक देशभक्त शहीद हो सकता है तो उन्हें ऐसा श्राप हाफिज सईद और दूसरे आतंकियों को भी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी में कई अच्छे लोग हैं लेकिन साध्वी के लिए इनको भोपाल ही मिला था क्या।