ईसा मसीह की प्रतिमा क्रेन से हटाए जाने पर गुस्साए जावेद अख्तर, बोले- सिर शर्म से झुक गया
नई दिल्ली। सामाजिक मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखने वाले बॉलीवुड के मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने बेंगलुरु पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं नास्तिक हूं लेकिन इस घटना को देखकर एक भारतीय होने के नाते में सिर शर्म से झुक गया। पहले तो सोशल मीडिया पर लोग जावेद अख्तर का ट्वीट देखकर हैरान हो गए, यूजर्स को समझ नहीं आया कि वह किस घटना की बात कर रहे हैं। हालांकि कुछ देर बाद लोगों को पता चला कि वह किस बात से नाराज हैं।
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दरअसल, कर्नाटक सरकार ने पुलिस को बेंगलुरु स्थित एक ईसा मसीह की प्रतिमा हटाने का आदेश दिया था। सरकार का आदेश मानते हुए पुलिस ने क्रेन का इस्तेमाल करते हुए ईसा मसीह की प्रतिमा को हटा दिया। इसी के चलते अब ट्विटर पर जावेद अख्तर का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने बेंगलुरु की इस खबर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, हालांकि मैं नास्तिक हूं, लेकिन बेंगलुरु पुलिस ने जो किया उससे एक भारतीय होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक गया है। कर्नाटक सरकार के आदेश पर बेंगलुरु पुलिस ने ईसा मसीह की प्रतिमा को क्रेन से हटा दिया।
Although I am an Athiest I hang my head in shame as an Indian that near Banglore a statue of Jesus was removed with a crane by the police following the orders of Karnataka Govt.
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 7, 2020
एक अन्य ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा, भारत में सबसे पहला चर्च उत्तर प्रदेश के आगरा में अकबर की अनुमति और उनके आशिर्वाद से बनवाया गया था। बता दें कि क्रेन से ईसा मसीह की प्रतिमा हटाए जाने के बाद से ईसाई समुदाय के लोगों मे गुस्सा है। बेंगलुरु के प्रधान पादरी जेए कंठराज ने बताया कि यह प्रतिमा उस जमीन पर थी जिसे कर्नाटक सरकार ने ईसाइयों को अंतिम संस्कार के लिए दी थी। करीब 15 दिन पहले तहसीलदार ने सभी समुदाय के लोगों को बुलाकर कहा था कि यहां से धर्मांतरण की शिकायतें आ रही है, लेकिन लोगों ने उनकी इस बात को नकार दिया था।
The first church made in India ( out of Portuguese territories) was in Agra during Akbar ‘s regime with his permission and blessings .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) March 7, 2020
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